हाथरस केस : हाईकोर्ट ने सुनी पीडि़त परिवार की दास्तान
परिवार का आरोप : पुलिस ने नहीं की सही जांच, बिना सहमति के रात में ही कर दिया बेटी का अंतिम संस्कार
लखनऊ। हाथरस जिले में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ गैंगरेप व हत्या के मामले में सोमवार को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई हुई। पीडि़त परिवार ने कोर्ट को आपबीती बताई। उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले की जांच सही तरीके से नहीं की। इतना ही नहीं पुलिस–प्रशासन ने परिवार की सहमति के बिना रात के समय ही लडक़ी का अंतिम संस्कार भी कर दिया। हमें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है। क्योंकि जिले के डीएम भी उन पर ही दवाब बनाते रहे हैं। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 2 नवंबर को तय की है।
कोर्ट ने प्रदेश के गृह विभाग के एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी, डीजीपी एचसी अवस्थी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अलावा हाथरस के डीएम और एसपी को तलब किया था। हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से विनोद शाही ने पैरवी की, जबकि कोर्ट ने वरिष्ठ वकील जेएन माथुर को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) बनाया है। एक अक्टूबर को कोर्ट ने मामले को खुद नोटिस में लिया था।
पीडि़त परिवार सुबह 5 बजे हाथरस से निकला। पीडि़ता के मां–बाप, दो भाई और भाभी भारी सुरक्षा के बीच लखनऊ पहुंचे। सभी को हाईकोर्ट के पास स्थित उत्तराखंड भवन में ठहराया गया। एसडीएम अंजलि गंगवार और सीओ शैलेंद्र बाजपेयी ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली। दो गाडिय़ों में पीडि़त परिवार था, जबकि छह गाडय़िां उनके एस्कॉर्ट के लिए थीं। पीडि़त परिवार के पांचों सदस्यों ने कोर्ट में गवाही दी।