स्टेंट डालने के दो महीने बाद ही पड़ गया दिल का दौरा, ओसीटी टेक्नीक से किया इलाज
लुधियाना। दो महीने पहले हुए हार्ट अटैक के कारण स्टेंट डलवाने वाले व्यक्ति को फिर से दिल का दौरा पड़ गया। जिससे उसकी जिंदगी खतरे में आ गई थी। लेकिन लुधियाना मेडिवेज अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्रॉफी (ओसीटी) प्रोसीजर के साथ उसका इलाज करके मरीज की जान बचा ली। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मनबीर सिंह खुराना की ओर से किया गया यह प्रोसीजर लुधियाना रीजन में पहली बार किया गया है। इस संबंध में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डॉ. मनबीर सिंह खुराना ने बताया कि दिल का दौरा पडऩे के कारण मरीज को दो महीने पहले ही स्टेंट डाला गया था। मगर उसे दोबारा हार्ट अटैक आ गया। कुछ दिन पहले ही स्टेंट पडऩे के कारण यह केस काफी कांप्लिकेटेड हो गया था। क्योंकि स्टेंट में क्लॉट जमने के कारण यह क्रिटिकल स्थिति बनी थी। मरीज लुधियाना मेडिवेज अस्पताल में आया तो उन्होंने उसकी जांच के बाद ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्रॉफी (ओसीटी) प्रोसीजर करने का फैसला लिया।
इस प्रोसीजर के माध्यम से स्टेंट में बने क्लॉट को साफ किया गया। 15 माइक्रो मीटर साइज की आर्टरी के अंदर हाई रेजोलेशन के तहत प्रोसीजर करने के लिए ओसीटी सबसे अच्छी तकनीक है और स्टेंट डालने के बाद होने वाली कांप्लिकेशंस में इसका परिणाम बहुत बढिय़ा है। स्टडी में भी यह बात सामने आई है कि हाल ही में हुए इस तरह के केसों में ओसीटी टेक्नीक का ही प्रयोग किया गया है। लुधियाना क्षेत्र में इस तकनीक का पहली बार इस्तेमाल किया गया है। अगर इस तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया जाता तो स्टेंट पर फिर से क्लॉट बनने का खतरा हमेशा बना रहता। डॉ. खुराना ने बताया कि उन्होंने दिल्ली व हैदराबाद में इस तकनीक की ट्रेनिंग ली थी और बेहतर परिणाम के लिए लुधियाना में पहली बार इसका उपयोग किया गया है। अस्पताल के चेयरमैन भगवान सिंह भाऊ, सीईओ मनप्रीत कौर, अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सतीश जैन व कार्डियक विभाग के मुखी सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. वीके शर्मा ने इस ऐतिहासिक प्रोसीजर को करने पर डॉ. मनबीर सिंह और उनकी टीम को बधाई दी है।