मृतक युवक के परिजनों ने अस्पताल में की तोडफ़ोड़, स्टाफ को भी पीटा
लुधियाना (राजकुमार साथी)। सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखा शव बदले जाने का आरोप लगाते हुए वीरवार की सुबह लोगों ने सिविल अस्पताल में हंगामा करते हुए इमरजेंसी वार्ड और एसएमओ के दफ्तर में जमकर तोडफ़ोड़ की। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और एडीसीपी रुपिंदर कौर सरां ने हंगामा कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर कर मामला शांत कराया।
थाना सलेम टाबरी के पीरू बंदा कॉलोनी निवासी युवक आयुष सूद को इलाज के लिए एक प्राइवेट अस्पताल में दाखिल कराया गया था। एक जनवरी को उसकी मौत हो गई। उसकी बहनें विदेश में रहती हैं, इस कारण आयुष का शव सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया। वीरवार को जब परिजन संस्कार करने के लिए आयुष का शव लेने पहुंचे तो मोर्चरी में मौजूद मुलाजिम ने बताया कि उसकी लाश यहां नहीं है।
आयुष के पिता राकेश सूद ने बताया कि मुलाजिम ने उसे बताया कि आयुष का शव कोई ले गया है। पता चला है कि कोई व्यक्ति आयुष का शव ले गया और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया।
राकेश सूद का आरोप है कि अस्पताल वालं ने उनके बेटे के अंग निकालकर बेच दिए हैं। इसी लिए उसके शव को गायब कर दिया गया। दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि गलती से आयुष का शव मनीष नाम के शव से बदला गया है। फिलहाल पुलिस ने आयुष की अस्थियां चुनने से मना कर दिया है।
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तोडफ़ोड़ करने वालों पर केस दर्ज
पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि पांच जनवरी को सिविल अस्पताल लुधियाना में हुई घटना दुखदायक है। मृतक युवक का शव गलती से बदला गया था। लेकिन इसके लिए हुए हंगामे और तोडफ़ोड़ की घटना के बाद डॉक्टरों व स्टाफ के बीच डर का माहौल बन गया।
एसएमओ डॉ. अमरजीत कौर के बयानों पर हुड़दंग मचाने व तोडफ़ोड़ करने वालों के खिलाफ धारा 307, 353, 186 व 379 आईपीसी के तहत थाना डिवीजन नंबर 2 में केस दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही आयुष के परिजनों के बयानों पर धारा 379, 403 और 406 आईपीसी के तहत डिवीजन नंबर 2 में केस दर्ज किया गया है। शव बदलने में हुई लापरवाही संबंधी सिविल अस्पताल प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तोडफ़ोड़ करने व हंगामा मचाने वालों की शिनाख्त की जा र ही है। जल्द ही उन लोगों को नामजद कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।