लुधियाना में पैदा हो गई सरहद, दो बहनें हैं पाकिस्तानी नागरिक, सरहद को मिलेगी भारत की नागरिकता

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मायके से वापस पाकिस्तान जा रही थी महविश, लुधियाना में डिलीवरी पेन शुरू होने पर यहीं कराना पड़ा प्रसव

लुधियाना (राजकुमार साथी)। कहते हैं कि जन्म और मृत्यु केवल भगवान के हाथ में ही है। किसे कहां और कब जन्म लेना है, इसका फैसला करने ऊपर वाले के ही हाथ में है। कमोवेश लुधियाना में हुई पाकिस्तानी महिला की डिलीवरी से तो यही साबित होता है। अपने भाई जबरान के साथ छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन से अमृतसर जा रही महविश को लुधियाना से पहले ही डिलीवरी पेन शुरू हो गई तो तत्काल ट्रेन को लुधियाना स्टेशन पर रोककर उसे एंबुलेंस के माध्यम से सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उसने तीसरी बच्ची को जन्म दिया। महविश ने उसका नाम सरहद रखा है। उसकी दो बच्चियां पाकिस्तान में पैदा होने के कारण वहां की नागरिक हैं। जबकि तीसरी बच्ची को भारत की नागरिकता मिलेगी।

 

आगरा में रहने वाली महविश की शादी 2017 में कराची निवासी शोएब राइन से हुई थी। उसके अब तीन बच्चे् हैं। महविश के मुताबिक वह शादी के बाद से ही पाकिस्तान में रह रही है। छह माह पहले वह अपने मायके आई थी और डिलीवरी की डेट निकट आने के कारण वह वापस पाकिस्तान जा रही थी। लेकिन लुधियाना में ही उसे डिलीवरी पेन शुरू हो गई। अस्पताल जाने पर उसने डॉक्टरों से अपील की कि वे उसे कोई दवा दे दें, ताकि उसकी डिलीवरी पेन बंद हो जाए और वह पाकिस्तान पहुंचकर ही अपने बच्चे को जन्म दे सके। मगर ऐसा संभव नहीं हो सका।

सिविल अस्पताल की सीनियर मेडिकल अफसर (एसएमओ) डॉ. मनदीप कौर सिद्धू ने बताया कि डिलीवरी पूरी तरह सफल रही है। बच्ची और मां दोनों स्वस्थ हैं। डिस्चार्ज होने पर उसका भाई उसे अपने साथ आगरा लेकर चला गया। डॉ. सिद्धू के मुताबिक महविश का यह पांचवां बच्चा है, जिनमें से तीन ही जिंदा हैं। डिलीवरी पेन शुरू होने के बात का पचा चलने पर महविश का पति शोएब भी पाकिस्तान के वाघा स्टेशन पर पहुंच गया था। वहां पर डिलीवरी के सारे इंतजाम करा लिए गए थे। मगर बच्ची ने भारत में ही जन्म ले लिया।

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