रद हुई पूर्व डीजीपी और सस्पेंडिड आईजी की जमानत याचिकाएं
लुधियाना। फरीदकोट के जिला व सेशन जज सुमित मल्होत्रा की अदालत ने बहिबल कलां गोलीकांड मामले में नामजद किए गए पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी व सस्पेंड चल रहे आईजी परमराज सिंह उमरानंगल की अग्रिम जमानत याचिकाओं को रद कर दिया है। मामलों की जांच कर रही पंजाब पुलिस की एसआईटी ने पिछले साल अक्टूबर में इन दोनों अधिकारियों को बहिबल कलां गोलीकांड केस में नामजद किया था।15 जनवरी को दोनों के खिलाफ जेएमआईसी सुरेश कुमार की अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई थी। सैनी व उमरानंगल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला अदालत से अग्रिम जमानत के लिए याचिकाएं दायर की थी। जिला अदालत में याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों के बीच करीब ढाई घंटे तक बहस हुई। सरकारी पक्ष ने दलील रखी कि बहिबल कलां गोलीकांड केस में दोनों अधिकारियों की अहम भूमिका रही है। एसआईटी की ओर से इकट्ठा किए गए तथ्यों में सामने आया है कि वह सीधे रूप से गोलीकांड की साजिश में शामिल रहे थे। बचाव पक्ष ने खुद को बेकसूर बताया, लेकिन जिला अदालत ने सरकारी पक्ष की दलीलों पर सहमति जताते हुए पूर्व डीजीपी सैनी व आइजी उमरानंगल को राहत देने से इंकार करते हुए याचिकाओं को रद कर दिया। बताते चलें कि बहिबल कलां गोलीकांड केस में दाखिल चार्जशीट के आधार पर जेएमआईसी ने दोनों अधिकारियों को नौ फरवरी को तलब किया था, लेकिन उनके पेश न होने के चलते उस दिन अदालत ने पूर्व डीजीपी सैनी के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिए थे। जबकि आईजी उमरानंगल को उच्च न्यायालय की हिदायत के अनुसार पेशी से राहत दे दी थी।