महाराष्ट्र के गवर्नर को उत्तराखंड हाई कोर्ट का नोटिस
सरकारी बंगले का किराया देने का आदेश नहीं मानने पर अवमानना की कार्रवाई के बारे में पूछा
देहरादून। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के गर्वनर भगत सिंह कोश्यारी को नोटिस जारी कर पूछा है कि सरकारी बंगले का किराया देने संबंधी आदेश का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए?
उत्तराखंड की एक अदालत ने 3 मई 2019 को भगत सिंह कोश्यारी को उनके मुख्यमंत्री काल के दौरान अलाट हुए सरकारी बंगले का किराया माकेज्र्ञट हिसाब से 6 महीने के भीतर देने को कहा था। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया। देहरादून की एक एनजीओ ने कोश्यारी के खिलाफ याचिका दायर करके जानबूझ कर कोर्ट का आदेश नहीं मानने का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट के जज शरद शर्मा ने इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। एनजीओ ने अपनी याचिका में कहा था कि कोश्यारी ने बंगले के किराए के साथ ही बिजली, पानी और पेट्रोल जैसी सुविधाओं के लिए भी पैसे नहीं दिए हैं। याचिका में राज्य सरकार पर कोश्यारी की मदद करने का भी आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि सरकार ने उनकी मदद के लिए उत्तराखंड पूर्व मुख्यमंत्री सुविधा आर्डिनेंस 2019 पारित किया। बाद में इसे कानून बना दिया गया। यह सब कुछ उन्हें बंगले के लिए दिए जाने वाले पैसे में राहत देने के लिए किया गया। यह संविधान की धारा 14 के खिलाफ है। एनजीओ के वकील ने कहा– हमने कोर्ट को बताया था कि राज्यपाल होने के बावजूद उनके खिलाफ याचिका स्वीकार की जा सकती है। हमने संविधान की धारा 361 (4) के तहत इसके लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी की हैं। उनके खिलाफ अवमानना की याचिका दायर करने से 60 दिन पहले ही नोटिस दे दिया गया था।