भाजपा से दुखी नीतीश बोले : मुझे नहीं रहना सीएम, एनडीए जिसे चाहे बना दे
पटना। भाजपा की ओर से जेडीयू के विधायकों को अपने साथ मिलाने से नाखुश बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दो टूक कह दिया है कि वह सीएम नहीं रहना चाहते, एनडीए जिसे चाहे सीएम बना ले। रविवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन करने के लिए हुई जदयू की कार्यकारिणी की मीटिंग के दौरान नीतीश ने यह बात कही। उन्होंने कहा मुझे पद की कोई चाहत नहीं।चुनाव परिणाम आने के बाद मैंने अपनी यह इच्छा गठबंधन के समक्ष जाहिर भी कर दी थी। पर दबाव इतना था कि मुझे फिर से काम संभालना पड़ा। अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों के भाजपा में चले जाने के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि क्या हुआ अरुणाचल में। छह के जाने के बाद भी वहां जदयू का एक विधायक डटा रहा। पार्टी की ताकत को समझिए। हमें सिद्धांतों के आधार पर ही लोगों के बीच जाना है। नफरत का माहौल बनाया जाता है । हम लोग नफरत के खिलाफ हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को गुमराह किया जा रहा। राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से खुद को मुक्त किए जाने पर उन्होंने कहा कि हमने पार्टी छोड़ी नहीं है। व्यस्तता की वजह से पार्टी के अध्यक्ष पद का काम ठीक से नहीं देख पा रहे थे। उनकी इच्छा है कि पार्टी के संगठन का विस्तार होना चाहिए। इसके लिए लोग दूसरे राज्यों में समय दें। इस दिशा में काफी काम होना चाहिए। मैंने जान–बूझकर यह किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा समय लोगों को दे सकें। बताते चलें कि पटना में हुई दो दिवसीय कार्यकारिणी मीटिंग के बाद जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जदयू ने अरूणाचल प्रदेश की घटना पर क्षोभ व्यक्त किया है। जदयू के छह विधायकों को भाजपा ने मंत्रिमंडल में शामिल करने की बजाय उन्हें अपने दल में ही शामिल कर लिया है। यह अच्छा नहीं किया। हमें इस पर बेहद दुख है। यह गठबंधन की राजनीति के लिए अच्छा संकेत नहीं है।