टेंशन में हैं तो गाय के साथ बिताएं वक्त, अकेलापन भी होगा दूर

Share and Enjoy !

Shares

टेंशन में हैं तो गाय के साथ बिताएं वक्त, अकेलापन भी होगा दूर

यूरोपीय देशों में प्रचल्लित हो रही है काओ थैरेपी, जानवर के साथ होता है अपनेपन का एहसास

लुधियाना (राजकुमार साथी) आजकल हर कोई अकेलेपन और टेंशन से पीडि़त है। इस कारण हर कोई सुकून की तलाश में रहता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए यूरोपीय देश नीदरलैंड में गाव के साथ रहकर अकेलापन टेंशन दूर करने का ट्रेंड शुरू हुआ। इसके पॉजिटिव रिजल्ट देखने के बाद धीरेधीरे यूरोप के कई देशों ने इसे अपनाना शुरू कर दिया है। माहिरों ने इसे काओ थैरेपी का नाम दिया है। लोग गायों को गले लगाने के लिए किसी फार्म हाउस जाते हैं और वहां किसी एक गाय के साथ घंटों सटकर बैठते हैं। लोगों का कहना है कि इससे उन्हें मानसिक शांति मिलती है।

साइक्लोजिस्ट भी इसे अच्छा मानते हैं। उनका कहना है कि घरेलू जानवरों में भावनाएं पाई जाती हैं। यदि इंसान उनसे जुड़ता है तो नॉन वर्बल रिलेशन बनाता है, जो लोगों को सुकून का एहसास कराता है। इसलिए आप जितना ज्यादा पशुपक्षियों के साथ रहेंगे, उतना खुश रहेंगे। आपका तनाव कम होगा। जैसे आप जब नदी या झील के किनारे बैठते हैं तो पैसिव इंट्रैक्शन होता है, उसी तरह जानवरों के साथ बैठने से एक्टिव इंट्रैक्शन होता है। मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि जानवरों के साथ रहने से हमें अकेलेपन का एहसास नहीं होता है। आप बच्चों को जिम्मेदारी का एहसास दिलाने के लिए भी गाय, बकरी, कुत्ता या कोई और भी जानवर घर में रख सकते हैं। उनकी देखभाल की जिम्मेदारी बच्चों को दे सकते हैं। जानवरों को जब सहलाते हैं तो उनका भय दूर होता। इससे आपके स्वभाव में विनम्रता आती है। यूरोपीय देश जिन चीजों को अब अपना रहे हैं, वह परंपरा भारत में सदियों से प्रचल्लित है। लेकिन आधुनिकता की दौड़ लगने के कारण यह परंपरा लुप्त होने लगी है। रिसर्च में पाया गया है कि गायों को गले लगाने, उनके पास बैठने से लोगों के शरीर में ऑक्सीटोसिन निकलता है और इससे उन्हें अच्छा महसूस होता है। ये हार्मोन तब निकलता है, जब आप किसी सुखद संपर्क में आते हैं। ऑक्सीटोसिन से मन में संतुष्टि का भाव आता है। इससे तनाव भी कम होता है। एप्लाइड एनिमल बिहेवियर साइंस जर्नल में इस तरह की रिसर्च प्रकाशित हो चुकी है।

Share and Enjoy !

Shares

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *