किसानों आंदोलन : सरकार व पुलिस के साथ हो रहा किसानों का टकराव
लुधियाना (राजकुमार साथी)। खेती कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का दिल्ली चलो अभियान कड़ा रुख अख्तियार अपनाता जा रहा है। दिल्ली जाने के लिए पंजाब व हरियाणा से निकले किसान राजधानी के बॉर्डर तक पहुंच चुके हैं। रास्ते में हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए अलग–अलग जगहों पर सख्त बेरिकटिंग की गई थी। मगर किसानों को न तो बेरिकेटिंग रोक सकी और न ही पानी की बौछारें।
उधर, गुरूग्राम पुलिस ने किसान नेता योगेंद्र यादव को हिरासत में ले लिया है। वहीं, दिल्ली में प्रदर्शन के चलते जंतर–मंतर पर कड़ी सुरक्षा की गई है। पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
किसानों की राजधानी में कूच करने की संभावना के चलते दिल्ली में जगह–जगह कड़ी निगरानी पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के जरिए की जा रही है।
ऐसे में जंतर मंतर पर दिल्ली पुलिस वह आरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है, जो यहां आने वाले किसानों को रोकने के लिए पूरी मुस्तैद के साथ तैनात हैं। साथ ही पुलिस वाटर कैनन के साथ जंतर मंतर पहुंची है, जिसका जरूरत पढऩे पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
नई दिल्ली के डीसीपी ईश सिंगल ने कहा कि किसानों को किसी भी तरीके के धरने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई है, जिसके चलते उन पर निगरानी करने के लिए पुलिस पर सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत ने किसानों को दिल्ली नहीं आने दिया जाएगा। इसके लिए पुलिस की पूरी तैयारी है। वह खुद जगह जगह जाकर निरीक्षण कर रहे हैं।
वहीं, पंजाब और हरियाणा के किसानों के दिल्ली कूच के मद्देनजर बॉर्डर सील हैं। इसके चलते जीटी रोड पर सुबह से ही भीषण जाम लगा हुआ है। किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा से सटे क्षेत्र के सभी इलाकों पर पुलिस की विशेष नजर बनी हुई है। पश्चिमी रेंज के अंतर्गत आने वाले तीन पुलिस जिलों द्वारका, पश्चिमी व बाहरी जिला पुलिस की टीमें क्षेत्र के सभी बार्डर पर तैनात हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह संबंधित जिले के उपायुक्त के साथ स्थिति पर नजर रखने के लिए क्षेत्र में मौजूद हैं। दिल्ली कूच के लिए बृहस्पतिवार को हरियाणा सीमा पर पंजाब के करीब साढ़े 10 हजार से ज्यादा किसानों ने डेरा जमा लिया है।
किसानों का नेतृत्व भाकियू (उग्राहां) पंजाब के वरिष्ठ उपप्रधान झंडा सिंह जेठूके कर रहे हैं। किसान जल्दबाजी में नजर नहीं आ रहे हैं। उनका कहना है कि दिल्ली कूच करने के लिए हरियाणा में प्रवेश की अनुमति सरकार से मांगी गई थी। लेकिन हरियाणा सरकार ने लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करते हुए उनका रास्ता रोक लिया। झंडा सिंह के अनुसार वे यहीं रुककर लगातार 7 दिनों तक प्रदर्शन करेंगे। उनका प्रदर्शन 24 घंटे चलेगा। दो अलग–अलग जत्थे दिन–रात प्रदर्शन करेंगे।
सात दिनों में करीब 1 लाख किसान पहुंचेंगे। 168 घंटे बाद वे अगली रणनीति बनाएंगे। डबवाली के बठिंडा नाका पर हजारों किसान पहुंचेंगे, इसकी भनक पहले ही लग गई थी। हरियाणा पुलिस ने पंजाब की सीआइडी से इनपुट लिया था। सीआइडी ने बताया था कि 1 लाख किसान पहुंच सकते हैं। हालांकि हरियाणा पुलिस इसे हलके में ले रही थी। हजारों किसान उमडऩे से बठिंडा रोड किसान हाईवे में तबदील हो गया है। आंदोलनरत किसान सात दिनों की भोजन सामग्री खुद ही लेकर पहुंच रहे हैं। खाना पकाने के लिए यहां ज्वलनशील सामग्री लाई जा रही है तो वहीं हरियाणा के साथ लगते गांवों से लंगर पहुंच रहा है। पंजाब पुलिस के जवान भी किसानों के साथ लंगर छकते नजर आ रहे हैं।
हरियाणा किसान एकता किसानों के लिए गांव–गांव से लंगर पहुंचा रहे हैं। किसान आंदोलन के कारण डबवाली जाम हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वीरवार सुबह डीसी प्रदीप कुमार, एसपी भूपिंद्र सिंह ने बठिंडा नाका का दौरा किया। कालांवाली के एसडीएम निर्मल नागर डयूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर डयूटी दे रहे हैं, तो वहीं डीएसपी डबवाली कुलदीप बेनीवाल योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रहे हैं।
दिल्ली कूच कर रहे किसानों को बसताड़ स्थित टोल प्लाजा पर रोकने के लिए प्रशासन ने प्रबंध किए। टोल प्लाजा की सभी लेन में सैंकड़ों की संख्या में ट्रकों को रोक दिया गया ताकि किसानों का जत्था आगे ना बढ़ सके। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है।
करनाल–पानीपत साइड में वाहनों की लंबी कतारें लगी थीं। किसानों का जत्था पानीपत–करनाल हाइवे पर चढ़ गया। किसानों का काफिला देख भारी वाहन तितर–बितर हो गए और प्रशासन के इंतजाम धरे के धरे रह गए। दिल्ली कूच कर रहे किसानों के जत्थे में पंजाब नंबर की गाडिय़ों का काफिला भी शामिल रहा। इन गाडिय़ों पर काले झंडे लगे हुए थे। गाडिय़ों के इस काफिले को पंजाब पुलिस की एक जिप्सी एस्कोर्ट कर रही थी।
बसताड़ टोल प्लाजा पर पहुंचने से पहले घरौंडा की नौजवान सिंह सभा की ओर से लंगर लगाया गया। बसताड़ टोल प्लाजा पर कांग्रेस नेता विरेंद्र सिंह राठौर पहुंचे। टोल पर लगा ट्रकों का जाम देखकर राठौर ने टोल कर्मियों व ट्रक चालकों से कहा कि वे अपने वाहन हटा लें, अन्यथा अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा आजमाए जा रहे हथकंडे पूरी तरह से गैर कानूनी है।
किसान लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन कर रहे है और उनका रास्ता रोकना जायज नहीं है। बताते चलें कि केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों के लिए 3 कानून द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) एक्ट, द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस एक्ट और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट बनाए थे। इनके विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सडक़ों पर है।