केस को बताया राजनीतिक, आप पर भी कांग्रेस की राह पर चलने का आरोप
अमृतसर (सुरिंदर कुमार)। ब्यास थानाक्षेत्र में माइनिंग कंपनी के वर्करों को धमकाने के आरोप में दर्ज केस में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल व विरसा सिंह वल्टोहा जिला अदालत में पेश हुए। उन्हें 29 नवंबर को दोबारा पेश होने को कहा गया है। सुखबीर बादल का आरोप है कि कांग्रेस ने राजनीतिक दवाब बनाने के लिए यह केस दर्ज कराया था। जिसे आम आदमी पार्टी की सरकार कांग्रेस की राह पर चलते हुए आगे बढ़ा रही है। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और सीनियर नेता विरसा सिंह वल्टोहा गुरुवार को अमृतसर में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंचे। इस दौरान सुखबीर व वल्टोहा दोनों ने अपने जमानती बॉन्ड दोबारा से भरे। अब सुखबीर बादल 29 नवंबर को दोबारा कोर्ट में पेश होने पहुंचेंगे। कोर्ट परिसर से बाहर निकलने के बाद सुखबीर बादल ने आम आदमी पार्टी पर इसे राजनीतिक साजिश बताया है। सुखबीर बादल ने कहा कि यह राजनीतिक दबाव बनाने के लिए कांग्रेस सरकार ने उन पर केस डाला था। अब जब राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार आए गई है तो वे इस केस को पुश कर रही है। वहीं उन्होंने इस दौरान न्यायपालिका पर अपना विश्वास जताया और कहा कि न्यायपालिका उन्हें इंसाफ दिलाएगी। जानकारी के अनुसार 1 अगस्त 2021 को थाना ब्यास में सुखबीर बादल के खिलाफ ब्यास दरिया में माइनिंग कर रही फ्रेंड्स एंड कंपनी ने शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसके बाद थाना ब्यास में उनके खिलाफ कंपनी के वर्करों को डराने और कोविड नियमों की अनदेखी करने का मामला दर्ज कर लिया था। थाना ब्यास ने सुखबीर बादल व उनके साथ आए हुए व्यक्तियों के खिलाफ 269, 270, 188, 341, 506 IPC के अलावा 3 एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत मामला दर्ज किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार पहले यह मामला बाबा बकाला साहिब कोर्ट में चलाया गया था, लेकिन सुखबीर बादल के सांसद होने के चलते इसे अमृतसर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में भेजा गया। जहां चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने इसे देखना शुरू किया है। बार–बार बुलाने पर भी सुखबीर बादल ने सम्मन रिसीव नहीं किए। जिसके चलते 10 अक्टूबर का सुखबीर बादल व विरसा सिंह वल्टोहा के खिलाफ आज 3 नवंबर के लिए गैर जमानती वारंट जारी कर दिए थे। अगर इस मामले में सुखबीर बादल आज भी पेश ना होते, तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती थी। इस मामले में सुखबीर बादल के अलावा विरसा सिंह वल्टोहा, पूर्व विधायक अमरपाल सिंह बोनी, कंवलजीत सिंह, बलजीत सिंह, चंचल सिंह, चमकौर सिंह, कश्मीर सिंह, तरसेम संह, मनजिंदर सिंह, बलविंदर सिंह और संतोख सिंह आदि का नाम भी शामिल हैं।