इस बार 400 पार का नारा देने वाली भाजपा के पास एक कैंडीडेट तक नहीं !

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Parashoot Candidates of BJP Arun Jetli, Hardeep Puri and Taranjit Singh Sandhu

 

जिले की लोकसभा सीट पर तीसरी बार वी पैराशूट से ही उतारा गया प्रत्याशी

अमृतसर (सुरिंदर)। लगातार दो बार देश की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार ने इस बार 400 पार का नारा दिया है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पिछले 10 सालों में इतनी बड़ी पार्टी भाजपा अमृतसर लोकसभा सीट के लिए किसी लोकल कैंडीडेट को तैयार तक नहीं कर सकी। क्योंकि इस बार भी भाजपा ने पैराशूट से ही प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है।

6 times Mp Raghunandan Lal Bhatia Congress and 3 Time MP Navjot SIngh Sidhu BJP

बताते चलें कि नवजोत सिंह सिद्धू के बाद भाजपा को अमृतसर सीट से कभी भी जीत नहीं मिली है। सिद्धू ने 2004 में क्रिकेट से राजनीति में रखने वाले सिद्धू ने अमृतसर से छह बार सांसद रहे कांग्रेस के रघुनंदन लाल भाटिया को हराया था। उसके बाद उन्होंने पुराने कोर्ट केस के चलते 2006 में त्याग पत्र दे दिया था। वे दोबारा 2007 और 2009 में दो बार सांसद रहे। उसके बाद से अमृतसर सीट से भाजपा का कोई प्रत्याशी नहीं जीता। भाजपा ने 2014 में अरुण जेतली और 2019 में हरदीप सिंघ पुरी को पैराशूट प्रत्याशी बनाकर अमृतसर भेजा, मगर वे दोनों चुनाव हार गए। अरुण जेतली को कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरदीप पुरी को कांग्रेस के ही गुरजीत सिंह औजला ने परास्त किया। अब पार्टी ने तीसरी बार तरूणजीत सिंह संधू को पैराशूट के जरिए प्रत्याशी बनाया है।

                               Present MP Gurjit Singh Aujla Congress

जिसका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा सांसद गुरजीत सिंह औजला से होगा। बताया जा रहा है कि लोकल लीडरशिप पैराशूट प्रत्याशी को लेकर नाखुश नजर आ रही है। एक लोकल नेता ने तो यहां तक कह दिया कि अगर इसी तरह पैराशूट से प्रत्याशी आते रहे तो यहां के लोगों की बारी कब आएगी। लोकल स्तर पर भाजपा के पास राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ, पूर्व राज्यसभा सदस्य, शहर के पूर्व मेयर व भाजपा पंजाब के पूर्व अध्यक्ष श्वेत मलिक, खालसा कालेज गवर्निंग कौंसिल के सदस्य राजिंदरमोहन सिंह छीना तथा पूर्व विधायक हरजिंदर सिंह ठेकेदार मौजूद हैं।

अमृतसर लोकसभा सीट का इतिहास, कब-कब कौन-कौन जीता

आजादी के बाद जब पहली बार चुनाव हुए तो कांग्रेस के गुरमुख सिंह मुसाफिर 1952 से लेकर 1962 तक सांसद रहे। 1967 में भारतीय जनसंघ के यज्ञ दत्त शर्मा, 1971 में कांग्रेस के दुर्गादास भाटिया, 1971 में कांग्रेस के रघुनंदन लाल भाटिया, 1977 में जनता पार्टी के बलदेव प्रकाश, 1980 और 1984 में कांग्रेस के रघुनंदन लाल भाटिया, 1989 में आजाद किरपाल सिंह, 1996 में कांग्रेस के रघुनंदन लाल भाटिया, 1998 में भाजपा के दया सिंह सोढी, 1999 में कांग्रेस के रघुनंदन लाल भाटिया, 2004, 2007 व 2009  में भाजपा के नवजोत सिंह सिद्धू, 2014 में कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह, 2017 से अब तक कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला यहां से सांसद रहे हैं।

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