आपत्तिजनक भाषा पर एमपी में चल रही नेताओं की जुबान, इलेक्शन कमीशन की बंद
भोपाल। राज्य में 28 सीटों पर हो रहे उप चुनाव के दौरान प्रचार में जुटे नेता तो महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करके खूब बोल रहे हैं, मगर ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर इलेक्शन कमीशन की जुबान बंद है। नवरात्र के दौरान भले ही हर जगह शक्ति के महिला अवतार देवी दुर्गा की पूजा हो रही हो, लेकिन मध्य प्रदेश में महिलाओं को आइटम और रखैल तक बताया जा रहा है। कहीं पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी हो रही है, मगर कार्रवाई के नाम पर चुनाव अधिकारी केवल यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि फाइल दिल्ली भेजी है। कारण साफ है कि आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोग सत्ता से जुड़े हुए बाहूुबली नेता हैं। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मोहित बुंदस ने कहा कि कमलनाथ व बिसाहूलाल समेत तमाम नेताओं के संबंध में मिली शिकायतों को दिल्ली भेजा गया है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी।
जानिए किसने क्या कहा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री इमरती देवी को आइटम कहकर विवाद खड़ा कर दिया था, जिसके खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई लोग मौन धरने पर बैठ गए थे। इसके अगले ही दिन भाजपा सरकार में मंत्री बिसाहूलाल ने अनूपपुर से कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह कुंजाम की दूसरी पत्नी को रखैल बता दिया था। प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने मदरसों में आतंकवादी पलने का बयान देकर विवाद खड़ा किया। भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ और दिग्विजय को एक सभा में चुन्नू–मुन्नू कहा तो कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा ने कैलाश विजयवर्गीय की तुलना रावण से कर दी।