अब बाराबंकी में पुलिस ने दोहराई हाथरस की घटना
लखनऊ। जिला बाराबंकी में हाथरस की घटना फिर से दोहराई गई। यहां भी पुलिस ने गैंगरेप पीडि़ता दलित नाबालिग युवती का परिजनों की सहमति के बिना ही शव को जला दिया। पीडि़ता के पिता ने कहा कि हिंदू धर्म में नाबालिग को दफनाया जाता है, लेकिन पुलिस वालों ने जबरन शव को जला दिया। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
बुधवार को बाराबंकी के सतरिख थाना इलाके के सेठमऊ गांव में यह घटना घटी। खेत में धान काटने गई 15 वर्षीय दलित लडक़ी जब काफी देर तक घर नहीं लौटी तो घरवालों ने तलाश शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने रात के समय खेत से लडक़ी का शव खेत में अर्धनग्न हालत में मिला। उसके हाथ बंधे हुए थे। वहीं पास ही शराब की 3 बोतलें भी पड़ी थीं। आरोपियों ने लडक़ी की नाक और मुंह दबा दिए, जिससे उसकी मौत हो गई। पीडि़त के पिता का कहना है कि उनके परिवार के लोग 3 दिन से भूखे हैं, मगर प्रशासन ने उनके खाने तक का कोई इंतजाम नहीं किया। लडक़ी के पिता ने बताया कि गांव का एक लडक़ा मेरी बेटी से जबरन शादी करना चाहता था। लेकिन बच्ची नाबालिग थी, इसलिए मैंने शादी करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद वे लोग बेटी को परेशान करने लगे थे। पुलिस ने जब तीन आरोपियों को पकड़ा तो वे पीडि़त परिवार से बदला लेने की धमकी देने लगे। बाराबंकी के प्रभारी एसपी आरएस गौतम ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि होने के बाद एफआईआर में रेप की धारा भी जोड़ दी गई है। पुलिस ने सेठमऊ गांव के रहने वाले दिनेश गौतम नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसने वारदात में शामिल होने की बात भी कबूल की है। बाकी चार संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।