विपक्ष का सवाल : बिल को राज्यपाल, संसद या राष्ट्रपति ने स्वीकार नहीं किया तो क्या होगा?, मुख्यमंत्री कैप्टन बोले : हर लड़ाई के लिए तैयार, जरूरत पड़ी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

Share and Enjoy !

Shares

विपक्ष का सवाल : बिल को राज्यपाल, संसद या राष्ट्रपति ने स्वीकार नहीं किया तो क्या होगा?

मुख्यमंत्री कैप्टन बोले : हर लड़ाई के लिए तैयार, जरूरत पड़ी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

चंडीगढ़ (राजकुमार साथी) मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से केंद्रीय कृषि बिलों के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने और तीन नए बिल पेश करने का विपक्ष ने स्वागत किया है। इसके साथ ही विपक्ष ने सवाल किया है कि यदि बिल को राज्यपाल, संसद या राष्ट्रपति ने स्वीकार नहीं किया तो क्या होगा? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस मामले में हर तरह की लड़ाई के लिए तैयार हैं, जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे।

आप विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि क्या काले कानूनों को रद्द करके, एमएसपी से कम पर फसल खरीदने वालों को 3 साल की सजा देने से या सभी पंजाब को मंडी यार्ड घोषित करने से मसला हल हो जाएगा? आपविधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर ने खेती बिलों के बारे में बोलते कहा कि पंजाब की कमाई में बढ़ोतरी की जाए जिससे पंजाब सरकार अपने दम पर एमएसपी पर यकीनी खरीद करने के समर्थ हो सके। इसके लिए माफिया खत्म करना पड़ेगा।

आप विधायक कुलतार संधवा ने सवाल उठाया कि अगर इन बिलों को गर्वनर और राष्ट्रपति द्वारा नामंजूर कर दिया जाता है तो सरकार का क्या रुख होगा। इस पर सीएम ने कहा कि इसके लिए वकीलों और माहिरों की एक टीम तैयार है।

मनप्रीत बादल ने कहा के 2016 की नोटबंदी ने इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी, अब पंजाब की रीढ़ खेती पर केंद्र का हमला नहीं सहेंगे।

कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि केंद्र सरकार सोचती है कि हम केवल 2 फीसदी हैं। लेकिन देश को जब भी जरूरत पड़ी हम आगे आए हैं। देश का अन्नदाता सडक़ों पर है। उन्होंने कहा कि मजे की बात तो यह है कि जो लोग कृषि कानूनों को लाए उनके पास खेती की जमीन नहीं है और उन्हें जब खेती के बारे मे पता ही नहीं तो क्या उम्मीद की जा सकती है।

Share and Enjoy !

Shares

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *