कौन चोरी कर रहा है गरीबों का गेहूं ?
बोरी 30 किलो की, निकल रहा 25 से 27 किलो गेहूं
गोदाम से पूरा वजन करके भेजी जाती है गेहूं : एएफएसओ
डिपो होल्डर बोले : जैसे गोदाम से आई, वैसे ही दी गई है बोरी
जंडियाला गुरू (सुरेंद्र कुमार)। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कहने को तो सरकार गरीबों को दो रुपए किलो गेहूं देने का दावा करके अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन कोई भी अधिकारी इस योजना के तहत गरीबों को फायदा मिलने या नहीं मिलने की जांच करने की जहमत नहीं उठा रहा। शायद यही कारण है कि गरीबों को दो रुपए किलो के हिसाब से 60 रुपए में जो 30 किलो की बोरी दी जा रही है, उसमें 25 से 27 किलो गेहूं ही निकल रहा है। विभाग के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि गोदाम से पूरा वजन करके ही गेहूं भेजी जाती। जबकि कम गेहूं निकलने पर डिपो होल्डर यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि गोदाम से जैसे बोरी आ रही है, वैसे ही आगे बांट दी जाती है। इस सबके बीच यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर गरीबों का गेहूं कौन चोरी कर रहा है।
जंडियाला गुरू निवासी नीला कार्ड होल्डर गुरविंदर सिंह हैपी ने बताया कि वह डिपो से 30-30 किलो के हिसाब से चार बोरी गेहूं लेकर आया था। लेकिन जब उसने कांटे पर उनका वजन किया तो हर बैग का वजन 3 से 5 किलो कम निकला। इस बारे में जब उसने डिपो होल्डर से बात की तो उसने कहा कि जैसे बोरियां गोदाम से आई थीं, वैसे ही बांट दी गई हैं। उधर, विभाग के एएफएसओ अर्शदीप सिंह थिंद का कहना है कि गेहूं आवंटन के लिए गोदाम से जाने वाले ट्रक का कांटे पर वजन करके ही उसे पूरे वजन का गेट पास दिया जाता है। अगर किसी कार्ड होल्डर को डिपो से कम गेहूं मिल रहा है तो वह उनसे मिलकर शिकायत कर सकता है। शिकायत आने के बाद ही संबंधित डिपो होल्डर की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।