मजीठिया से माझे दा जरनैल का खिताब छीनेंगे डैनी?

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मजीठिया से माझे दा जरनैल का खिताब छीनेंगे डैनी?

जंडियाला गुरू में मजीठिया के चुनाव प्रचार के बावजूद नहीं जीत सका अकाली दल

कांग्रेसी विधायक सुखविंदर सिंह डैनी की अगवाई मेंं फहराया कांग्रेस की जीत का परचम

विधायक सुखविंदर सिंह डैनी

 

जंडियाला गुरू (सुरेंद्र कुमार)। पिछले दो कार्यकाल से माझा क्षेत्र में अकालियों का परचम फहराता रहा था, जिसके चलते पूर्व मंत्री व मजीठा हल्के से विधायक विक्रम सिंह मजीठिया को माझे दा जरनैल कहकर पुकारा जाता था, लेकिन हाल ही में संपन्न हुए नगर निकाय के चुनावों के नतीजों ने स्थिति पलटकर रख दी है। केवल मजीठा नगर कौंसिल को छोडक़र माझा क्षेत्र में अकाली दल की बुरी तरह हार हुई है। मजीठा के अलावा विक्रम मजीठिया जंडियाला गुरू में भी अकाली प्रत्याशियों के हक में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। इस कारण यहां मुकाबला मजीठिया और कांग्रेसी विधायक सुखविंदर सिंह डैनी के बीच माना जा रहा था, लेकिन जंडियाला गुरू नगर कौंसिल में हुई कांग्रेसी प्रत्याशियों की जीत ने डैनी का कद मजीठिया से ऊंचा कर दिया है।

विधायक विक्रम सिंह मजीठिया

कांग्रेस की टिकट पर पांच-पांच साल नगर कौंसिल जंडियाला के अध्यक्ष रहे रविंदरपाल सिंह कुक्कू और राजकुमार मल्होत्रा इस बार अकाली दल की झोली में बैठकर चुनाव लड़े थे। लेकिन कांग्रेस से बागी हुए दोनों अध्यक्षों व मजीठिया की ओर से किया गया चुनाव प्रचार कोई कमाल नहीं दिखा पाया। जिसके चलते हल्के में चर्चा है कि डैनी ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सीट तो पक्की की ही है, साथ ही उन्होंने मजीठिया से माझे दा जरनैल खिताब भी छीनने में सफलता हासिल की है। पार्टी की जीत से गदगद हुए डैनी ने दावा किया कि कांग्रेस के उम्मीदवार विकास के दम पर चुनाव जीते हैं। अगली बार फिर से जंडियाला गुरू विधानसभा हल्के में वे कांग्रेस की जीत का परचम फहराएंगे। क्योंकि अकाली दल या अन्य कोई विपक्षी दल का यहां से जनाधार खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सेमिफाइनल था और 2022 का विधानसभा चुनाव यह तय कर देगा कि माझे का असली जरनैल कौन है? लोग कांग्रेस की नीतियों को पसंद कर रहे हैं।

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