हाईकोर्ट में रेलवे ने कहा, पंजाब के नौ स्टेशनों पर अब भी बैठे हैं किसान
चंडीगढ़। रेलवे ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में कहा कि पंजाब के नौ स्टेशनों पर किसान बैठे हैं। इस कारण यात्री ट्रेनों का परिचालन नहीं हो पा रहा। कई ट्रेनों को रुट बदल कर चलाया जा रहा है। किसान आंदोलन के चलते रेल और सडक़ मार्ग बाधित होने के खिलाफ एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार पर असहयोग का आरोप लगाया। केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सालिसिटर जनरल सत्यपाल जैन कहा कि जंडियाला गुरु रेलवे ट्रैक तो किसानों ने खाली कर दिया, लेकिन वे स्टेशन परिसर में बैठे हैं और पैसेंजर ट्रेन को चलने नहीं दे रहे हैं। इस कारण जंडियाला गुरु से जाने वाली पैसेंजर ट्रेन को रूट डायवर्ट करके चलाना पड़ रहा है।
केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि 1 दिसंबर को किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पन्नू) की तरफ से हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा गया था कि उन्होंने रेल व सडक़ मार्ग बाधित नहीं किया था। इसके बाद रेलवे ने 3 दिसंबर को पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर यात्री ट्रेनें चलाने के बारे अवगत करवाया था। रेलवे ने पंजाब के मुख्य सचिव से आग्रह किया था कि वह रेलवे की संपति व रेल स्टाफ की सुरक्षा के लिए उचित प्रंबध करें। जैन ने बताया कि इस बारे में पंजाब के मुख्य सचिव से कोई जवाब न मिलने के बाद 9 दिसंबर को फिर रेलवे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा, लेकिन अभी तक रेलवे को मुख्य सचिव की तरफ से कोई उचित जवाब नहीं मिला।
रेलवे ने हाई कोर्ट को बताया कि खन्ना, बरनाला, रामपुरा फुल, बठिंडा, रोमाना अलबेल सिंह, मखु, जागरओं, जंडियाला गुरु व बुटारी रेलवे स्टेशन परिसर में आंदोलकारी किसान बैठे हैं। इस पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा व जस्टिस अरुण पल्ली पर आधारित खंडपीठ ने केंद्र का यह जवाब रिकार्ड पर रखते हुए मामले की सुनवाई 24 फरवरी तक स्थगित कर दी।