लुधियाना (राजकुमार साथी)। 28 मई को एक काले दिन के रूप में याद किया जाएगा जब आरएसएस के संरक्षण वाली मोदी सरकार ने बेशर्मी से भारतीय संविधान के मूल्यों की धज्जियां उड़ाईं। यह बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की जिला लुधियाना इकाई द्वारा आयोजित रोष प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने गिरफ्तार महिला पहलवानों और उनका समर्थन करने वाले अन्य लोगों की रिहाई और बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कही। जिस समय प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे उस समय देश का नाम रोशन करने वाली महिला पहलवानों को सरकार के आदेश पर पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर लिया। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगने वाले बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिला पहलवान जंतर मंतर दिल्ली में धरना दे रही हैं। उसके खिलाफ पाकसो अधिनियम सहित कई धाराओं के तहत सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज की गई थी।कितनी शर्म की बात है कि जब युवतियों को घसीट कर गिरफ्तार किया जा रहा था, तब अपराधी बृजभूषण शरण सिंह जो कि एक भाजपा सांसद हैं, संसद में बैठे थे। मोदी सरकार ने न्याय देने के बजाय महिलाओं पर अत्याचार किया है। पहलवानों को जबरन घसीट कर गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उन्हें कहां ले गई है, यह किसी को नहीं पता।