सिविल अस्पताल के निरीक्षण पर पहुंचे डीएचएस (ईएसआई) बोले
“अस्पताल में आने वाले मरीज ही हैं सबसे अजीज”
ईएसआई डिस्पेंसरियों में मरीजों को आ रही समस्याओं का जल्द करेंगे निवारण : डॉ. महमी
लुधियाना (राजकुमार साथी)। सिविल अस्पताल लुधियाना का निरीक्षण करने पहुंचे डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज (ईएसआई विंग) डॉ. जीएस महमी ने कहा कि अस्पतालों में आने वाले मरीज ही उनके लिए सबसे अजीज हैं। इस कारण डॉक्टरों व स्टाफ को अपना व्यवहार मधुर बनाने के लिए कहेंगे। सिविल अस्पताल में आने से पहले उन्होंने भारत नगर चौक स्थित ईएसआईसी के मॉडल अस्पताल में अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की। डॉ. महमी ने कहा कि विभाग का मकसद गरीब मरीजों को बेहतर सेहत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। यहां सिविल अस्पताल में उन्होंने लेबर रूम, एसएनसीसीयू के अलावा इमरजेंसी, ट्ऱॉमा वार्ड, जनरल ओपीडी ब्लॉक, अल्ट्रा साउंड रूम, लेबोरटरी, ब्लड बैंक और नशा छुड़ाओ केंद्र के साथ-साथ मोर्चरी का निरीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन ने नियमों के अनुसार हर काम ठीक तरह से मेनटेन करके रखा हुआ है। स्टाफ की कमी है।
इसे दूर करने के लिए सरकार के स्तर पर बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज की मदद से स्टाफ की भर्ती की जा रही है। 598 स्टाफ नर्सें व दर्जा चार कर्मियों समेत पांच हजार के करीब पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की जा रही है। डॉक्टरों के लगातार इंटरव्यू चल रहे हैं। ईएसआई डिस्पेंसरियों में मजदूरों को आ रही परेशानियों संबंधी उन्होंने कहा कि वे स्टाफ व डॉक्टरों को निर्देशित करेंगे कि वहां आने वाले मरीजों से मधुर व्यवहार करें। क्योंकि अस्पतालों में आने वाले मरीज ही हम सबके लिए ज्यादा अजीज हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर जो भी समस्याएं बताई गई हैं, उन्हें जल्द ही हल कराया जाएगा। डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल पूरी तरह तैयार हैं। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. राजेश बज्गा, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. महिंदर सिंह, सिविल अस्पताल की एसएमओ इंचार्ज डॉ. अमरजीत कौर, एमसीएच की एसएमओ डॉ. मलविंदर माला, एआरटी सेंटर की एसएमओ डॉ. हतिंदर कौर, डॉ. कुलवंत सिंह, अरुण जोशी व कार्यकारी मैट्रन भुपिंदर कौर समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
कोरोना के फेज-2 पर बोलना उचित नहीं : डॉ. महमी
डॉ. महमी ने कहा कि भले ही यूरोप में कोविड-19 का सेकेंड फेज चल रहा है, लेकिन भारत में इसे आने या नहीं आने संबंधी कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। क्योंकि वहां का और भारत का माहौल एकदम भिन्न है। फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि मास्क और सोशल डिस्टेसिंग के हथियार को साथ लेकर जीना होगा। बाहर से लौटते समय साबुन या सेनिटाइजर से हाथ जरूर साफ करें।