सडक़ किनारे यूनिपोल पर लगे विज्ञापनों पर आपत्ति, वकील ने चीफ सेक्रेटरी को भेजा लीगल नोटिस

Share and Enjoy !

Shares

सड़कों-​​​​​​​फुटपाथों पर लगे एड ट्रैफिक में बाधा पैदा करने के साथ वाहन चालकों का ध्यान भटका रहे

लुधियाना (राजकुमार साथी)।  पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने चीफ सेक्रेटरी, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एंड डायरेक्टर लोकल बॉडीज और नगर निगम कमिश्नर को मानहानि का नोटिस भेजा है। जिसमें लिखा है कि नगर निगम लुधियाना की हद में सड़कों के ठीक उपर,चौराहों के बिल्कुल नजदीक और फुटपाथों पर इश्तिहारी बिल बोर्ड तय कर लगा दिए हैं, जो पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके लगाए गए हैं।

कौंसिल ऑफ इंजीनियर्स के प्रेसिडेंट कपिल अरोड़ा ने बताया कि नगर निगम ने पंजाब म्युनिसिपल आउटडोर एडवरटाइजिंग पॉलिसी-2018 के प्रावधानों के तहत कंपनी को निगम सीमा के भीतर विभिन्न प्रकार के विज्ञापन होर्डिंग का ठेका दिया है। उन्होंने जिक्र किया कि पॉलिसी में फ्लैग शेप्ड होर्डिंग का कोई प्रावधान नहीं है, फिर भी निगम ने यूनीपोल बिलबोर्ड्स के नाम पर कंपनी को फ्लैग शेप्ड चमकदार होर्डिंग लगाने की अनुमति दी, जो लुधियाना में कई स्थानों पर सड़कों पर लगे हुए हैं। निगम ने कंपनी को चौराहे, सड़क जंक्शनों, फुटपाथों आदि के बहुत करीब भी होर्डिंग लगाने की खुली छूट दे रखी है और ऐसे होर्डिंग यातायात में बाधा उत्पन्न करते हैं और यात्रियों को विचलित करते हैं। मोहित जैन ने बताया कि सीडब्ल्यूपी-7639-1995 (नमित कुमार बनाम यूटी चंडीगढ़ प्रशासन) में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने तीनों सरकारों (पंजाब/हरियाणा/चंडीगढ़) के सभी मुख्य सचिवों को सभी चिन्ह हटाने के निर्देश जारी किए थे। बोर्ड, होर्डिंग, नियॉन साइन बोर्ड, विज्ञापन बोर्ड, राजमार्गों, मुख्य सड़क और किनारे की सड़कों-गलियों में लगे है। कोर्ट ने आगे निर्देश दिया था कि राज्य परिवहन प्राधिकरण और नगर निगम या समिति ऐसे बोर्डों के धारक को 15 दिनों के भीतर इसे हटाने के लिए कहेंगे। ऐसा करने में उनकी विफलता की स्थिति में राज्य अपनी प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा इसे हटा देगा। विकास अरोड़ा ने बताया कि रोड सेफटी नियमों के अनुसार होर्डिंग की दूरी का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है और ट्रैफिक सुरक्षा के कोण से आपत्तिजनक रोशनी वाले विज्ञापनों की भी अनुमति नहीं है। लेकिन लुधियाना ऐसे होर्डिंग्स की भरमार हो चुकी है। अरोड़ा ने आगे कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए 15 दिनों के भीतर ऐसे सभी होर्डिंग को हटाने की मांग के साथ ​​नोटिस दिया गया है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो ​याचिका दायर की जाएगी।

Share and Enjoy !

Shares

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *