लुधियाना (राजकुमार साथी)। वरिष्ठ अधिवक्ता मुनीष पुरंग ने अपने जीवन काल में लड़े बलात्कार के मामलों पर दी रेप फाइल नाम से किताब प्रकाशित की है। जिसमें रेपिस्ट व विक्टिम महिला के बाच हुए समझौतों के बारे में बताया गया है कि कैसे रेप का आरोप लगाने वाली महिलाओं ने अपनी शर्तों पर आरोपियों से काम्प्रिोमाइज किया। जिससे आरोपी बरी हो गए। पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतीर सिंह संधवां ने इस किताब का विमोचन किया। किताब के लेखक एडवोके मुनीष पुरंग बताते है कि यह किताब उन केसों पर अधारित है, जिनमें पहले महिलाओं ने पुरूषों पर रेप का आरोप लगाते एफआईआर दर्ज करवाई। जब मामला अदालत में पहुंचा तो अपनी शर्तों पर समझौता किया। इसके बाद रेप के आरोपों से किनारा कर लिया। अदालत ने आरोपियों को बा इज्जत बरी कर दिया। विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने इस किताब का विमोचन किया है। एडवोके मुनीष पुरंग बताते है कि उनकी किताब में कुल 12 कहानियां है। यह सभी सच्ची घटनाओं पर अधारित है। इन 12 केस में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और अदालत में केस भी चले। इन केसों में बतौर एडवोकेट उन्होंने आरोपियों की तरफ से केस लड़ा है। सुनवाई दौरान शिकायतकर्ता महिलाओं ने अपनी शर्तों पर समझौता किया। इसके बाद रेप के आरोपों से किनारा कर लिया। इस मामले के आरोपियों को अदालत ने बा इज्जत बरी कर दिया। इसलिए मेरे मन में ख्याल आया क्यों न समाज में चल रहे इस ब्लैकमेलिंग का खुलासा आम लोगों के सामने रखा जाए। इसलिए इस किताब को लिखा गया है। इस किताब को लिखने में लुधियाना के जाने माने सर्जन डाक्टर केके अरोड़ा ने सबसे ज्यादा प्रेरित किया। किताब के विमोचन के समय राहुल शर्मा, हरदियाल सिंह, मन्नू पुरंग, आरएस मंड, इंदरपाल सिंह, मैडम गरिमा, नरिंदर सिंह, सुखविंदर सिंह धालीवाल सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।