मालगाडिय़ां नहीं चलाए जाने के खिलाफ दिल्ली में धरने पर बैठी पंजाब सरकार
दिल्ली। पंजाब में मालगाडिय़ां नहीं चलाए जाने के खिलाफ सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रियों–विधायकों के साथ दिल्ली के जंतर–मंतर पर धरना दिया। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने कई दिन से ट्रेनें रोक रखी हैं। सीएम ने कहा कि केंद्र पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है।
कैप्टन राजघाट पर धरना देना चाहते थे पर पुलिस ने अनुमति नहीं दी। वहीं, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस के 8 सांसदों को वीरवार दोपहर 1 बजे मिलने का समय दिया है। रेलवे ने बुधवार दोपहर फोटो जारी कर कर बताया था कि कई जगह अभी भी धरने हैं।
पंजाब में कोयले की कमी के कारण रोज 3-4 घंटे तक बिजली की कटौती होने लगी है। खाद की किल्लत है। उद्योगों का स्टॉक बढऩे लगा है। सीएम ने कहा कि केंद्र राज्य को जीएसटी का हिस्सा नहीं दे रहा। वह दिल्ली में केंद्र से टकराव के लिए नहीं, बल्कि उन गरीब किसानों के लिए इंसाफ की लड़ाई लडऩे आए हैं, जिनकी रोजी–रोटी केंद्रीय कानूनों के कारण खतरे में है। मुख्यमंत्री ने कहा, वह जानते हैं कि राज्यपाल ने बिल नहीं भेजे हैं और उन्हें कोई भूमिका अदा नहीं करनी है। वह राष्ट्रीय सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा संबंधी पंजाब की चिंताएं ज़ाहिर करने के लिए राष्ट्रपति से मिलना चाहते हैं।
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि राज्य की नाकामी के कारण अधिकतर जगहों पर रेल ट्रैक जाम हैं। वहीं कैप्टन ने कहा कि सिर्फ दो स्थानों पर रेलवे लाइन रोकी गई है, जो मुख्य लाइन से बाहर हैं और दो निजी प्लांटों के साथ जुड़ी हैं। अन्य सभी लाइनें खुली हुई हैं।
धरने से गायब रही शिअद और आप
बुधवार को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में पार्टी नेताओं के साथ धरने पर बैठे। लेकिन शिअद और आप ने धरने से दूरी बनाकर रखी। जबकि कैप्टन के बुलावे पर बैंस ब्रदर्स के अलावा विधायक सुखपाल खैहरा व परमिंदर सिंह ढींडसा एक साथ पंजाब भवन पहुंचे।