बेनतीजा रही सरकार–किसानों की मीटिंग
लुधियाना (राजकुमार साथी)। किसान आंदोलन से घबराई केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को मीटिंग के लिए बुला तो लिया, लेकिन बिना किसी हल के केंद्र के मंत्री मीटिंग में टाइम पास करते दिखे। लिहाजा यह मीटिंग भी बेनतीजा ही साबित हुई। किसान नेता इन कानूनों को खत्म करने की मांग करते रहे, जबकि सरकार तीनों बिलों पर चर्चा करने के लिए कमेटी बनाने की बात पर अड़ी रही। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक किसान नेताओं की केंद्र सरकार के साथ दो दौर की वार्ता हो चुकी है। केंद्र ने पहले ही दौर में किसानों के सामने नई कमेटी बनाने का प्रस्ताव रख दिया। इसमें सरकार और किसान प्रतिनिधियों के अलावा एक्सपर्ट्स को रखने की बात कही गई थी। लेकिन किसानों ने ये पेशकश ठुकराते हुए कानूनों को ही खत्म करने की मांग की। सभी प्रतिनिधियों ने कहा कि ये किसानों के खिलाफ हैं। किसानों के साथ बैठक से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि हम किसानों की मांगें सुनने के बाद आगे की राह तय करेंगे।
बैठक में तोमर के साथ वाणिज्य मंत्री सोम प्रकाश और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे। किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहा ने कहा कि खेती मंत्री ने उनकी बात सुनी, वे उससे सहमत भी दिखाई दिए, लेकिन उनके हाथ में कोई फैसला लेने की पावर नहीं थी। इसी लिए वे अपनी बात मनवाने पर ही अड़े रहे। इस बीच, हरियाणा के निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप के प्रमुख सोमबीर सांगवान ने खट्टर सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। चरखी दाददी में सांगवान ने कहा– किसानों पर हुए अत्याचारों को देखकर मैं सरकार से अपना समर्थन वापस लेता हूं।