दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। विशेषज्ञों की ओर से जताई जा रही इस चिंता पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए पहले से तैयार रहना होगा। सरकार को इस उम्र वर्ग को वैक्सीन लगानमे पर विचार करना चाहिए। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार दिल्ली को 730 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति कर दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को यह भी बताया कि चार मई को 56 प्रमुख अस्पतालों में किए गए सर्वे में पता चला कि उनके पास आक्सीजन का पर्याप्त स्टाक है। पीठ ने पूछा कि क्या आक्सीजन का बफर स्टाक है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जब बेहद वरिष्ठ डॉक्टर की जान आक्सीजन की कमी से जाने की बात कही तो केंद्र ने कहा कि या तो केंद्र की ओर से आक्सीजन आपूर्ति में कमी है या फिर राज्य की ओर से वितरण की कमी है। ऐसे में आक्सीजन का आडिट होना चाहिए। पीठ ने कहा कि वह पूरे देश के लिहाज से इस मुद्दे पर और आक्सीजन आडिट पर विचार करेंगे। लेकिन आज देश में महामारी की पहली स्टेज नहीं है। हो सकता है कि हम तीसरी लहर का शिकार हों। उसके लिए आज से तैयारी करनी होगी।