फूड पाइप में बड़े ट्यूमर के दुनिया भर में हुए हैं 37 मामले, केवल चीन ने ही एक केस में की थी एंडोस्कोपिक सर्जरी, दू सरी सर्जरी हुई लुधियाना में
लुधियाना (राजकुमार साथी)। फोर्टिस अस्पताल लुधियाना के गैस्ट्रो इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रो एंड लिवर डिजीज के डायरेक्टर डॉ. नितिन बहल ने बुजुर्ग महिला की फूड पाइप के दुर्लभ ट्यूमर को रिमूव कर उसकी जान बचाई। उक्त महिला हाइपरसिटी व दिल की जलन से पीडि़त थी। डॉ. बहल ने बताया कि फूड पाइप के ट्यूमर काफी दुर्लभ होते हैं, क्योंकि यह सीधे तौर पर जीवन के लिए खतरा होता है। इस ट्यूमर के कारण मरीज पानी भी सही ढंग से नहीं निगल पाता और उसके घुट-घुटकर मरने का खतरा बना रहता है। ऐसे ही हालात में 65 वर्षीय ईशा नामक महिला उनके पास पहुंची थी। वह हाइपरसिटी व दिल की जलन नामक बीमारी से पीडि़त थी और उसकी फूड पाइप में बड़े साइज का दुर्लभ ट्यूमर था। इस ट्यूमर ने फूड पाइप के साथ-साथ विंडपाइप (श्वास नाली) को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया था। उसके पति को लगने लगा था कि वह अब बच नहीं सकेगी। लेकिन उन्होंने एंडोस्कोपिक तरीके से फूड पाइप को रिमूव करके उसकी जान बचा ली। डॉ. बहल ने बताया कि दुनिया भर में इस तरह की समस्या के अब तक केवल 37 केस ही दर्ज हुए हैं। इनमें से इससे पहले केवल एक ही मरीज की एंडोस्कोपिक सर्जरी चीन में ही हो पाई थी। फोर्टिस अस्पताल लुधियाना में हुआ यह केस दुनिया का दूसरा केस है। जिसमें उन्होंने अपनी टीम के साथ 17 सेंटीमीटर आकार के बड़े ट्यूमर को बिना ब्लड लॉस, बिना चीरा और बिना टांके के रिमूव कर दिया। मरीज को इस प्रोसीजर के दूसरे दिन ही अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। डॉ. बहल ने बताया कि यह काफी मुश्किल प्रोसीजर था। क्योंकि इसे शुरू करते ही ट्यूमर फूड पाइप के निचले सिरे तक चला गया। ऐसे में बिना ब्लड लॉस किए और फूड पाइप को नुकसान पहुंचाए बिना ट्यूमर को रिमूव करना बड़ी चुनौती थी, जिसे सफलतापूर्वक कर लिया गया। अस्पताल के जोनल डायरेक्टर डॉ. विश्वदीप गोयल ने दुनिया भर की इस दुर्लभ प्रोसीजर को करने वाली टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि फोर्टिस अस्पताल लुधियाना का गैस्ट्रो इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रो एंड लिवर डिजीज क्षेत्र के लोगों को विश्व स्तरीय मेडिकल सुविधा प्रदान कर रहा है।