पांच को होगा किसान आंदोलन पर अंतिम फैसला, सरकार ने दिए समाधान के संकेत
नई दिल्ली। सरकार ने साकारात्मक संकेत देते हुए किसान आंदोलन जल्द खत्म करने का दावा किया है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक 5 दिसंबर को सरकार व किसानों के बीच फाइनल मीटिंग होगी। वीरवार को किसानों व सरकार के बीच चौथे दौर की लंबी मीटिंग चली है। जिसमें केंद्र सरकार ने नरम रुख अपनाया है। माना जा रहा है कि सरकार कानूनों में संशोधनों पर विचार करने को तैयार हो गई है। अब चिन्हित सभी प्रमुख मसलों पर शनिवार को फिर बैठक होगी जिसमें निर्णायक फैसला हो सकता है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक में किसानों की चिंता वाले बिंदुओं को चिन्हित कर लिया गया है। सरकार उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार सभी मसलों पर खुले मन से विचार कर रही है। तोमर ने कहा कि नए कानून में मंडी की सीमा से बाहर प्राइवेट मंडियां आएंगी। दोनों प्रकार की मंडियों में समानता लाने पर सरकार विचार करेगी। बाहर कारोबार करने वालों के रजिस्ट्रेशन और पैन कार्ड पर कारोबार करने की छूट पर भी विचार किया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि नए कानून के लागू करने में उठने वाले विवाद की सुनवाई एसडीएम की जगह किसी जिला स्तरीय कोर्ट में होनी चाहिए। सरकार ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
किसान नेता हरजिंदर सिंह टांडा ने बताया कि अगले दौर की बैठक में हम कानून को वापस लेने का दबाव बनाएंगे। अगली बैठक में फैसले की पूरी उम्मीद है। तोमर ने कहा कि किसान यूनियन और किसानों की चिंता है कि नए कृषि कानूनों से मंडी समितियां खत्म हो जाएंगी। यह चिंता दूर करने के लिए सरकार इस बात पर विचार करेगी कि कैसे मंडी समितियां सशक्त हों और इनका उपयोग और बढ़ाया जाए। तोमर ने यह भी कहा कि पांच दिसंबर को दोपहर में दो बजे यूनियन के साथ सरकार की मुलाकात फिर होगी तब हम किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे। वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार ने एमएसपी पर सकारात्मक संकेत दिए हैं। सरकार बिलों में संशोधन चाहती है। आज बातचीत कुछ आगे बढ़ी है। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। पांच दिसंबर को बैठक फिर से होगी।