गवर्नर ने एसवाईएल पर बुलाए विधानसभा सेशन को बताया अवैध, राजभवन ने सरकार को जारी किया लेटर
चंडीगढ़ (अमर ज्वाला ब्यूरो)। राज्य के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने 20-21 अक्टूबर को एसवाईएल मुद्दे पर बुलाए जा रहे विधानसभा के सेशन को अवैध करार दिया है। इस आश्य से राजभवन की ओर से पंजाब सरकार को लेटर भेजा गया है। सीमा क्षेत्र के गांवों के दौरे पर चल रहे राज्यपाल ने अमृतसर में प्रेस कांफ्रेंस करके इस सेशन को पहले ही अवैध करार दे दिया था। राजभवन की ओर से सरकार को लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकार माननीय राज्यपाल की ओर से 24 जुलाई 2023 को भेजे पत्र की ओर ध्यान दे। जिसमें 12 जून 2023, 19 व 20 जून 2023 को बुलाए गए विशेष सेशन पर आपत्ति जताई गई थी। बताते चलें कि एसवाईएल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और पंजाब सरकार की ओर से दाखिल किए गए जवाब के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार लगातार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। ऐसे में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में अपनी छवि के सुधारने के लिए सरकार यह विशेष सत्र बुलाना चाहती है। गत दिनों कैबिनेट मंत्रियों के साथ हुई चर्चा में सीएम भगवंत सिंह मान ने पंजाब के पास एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं होने की बात कही थी। कैबिनेट में कहा गया था कि पंजाब के 153 में से 117 ब्लॉक खतरे की कगार पर हैं। यहां शत प्रतिशत से अधिक पानी निकाला जा रहा है। जबकि हरियाणा के 143 में से सिर्फ 88 ब्लॉक ही खतरे की स्थिति में हैं।
सीएम एक नवंबर को बुला रहे हैं एसवाईएल मुद्दे पर डिबेट
अकाली दल ने कहा कि हम नहीं लेंगे डिबेट में हिस्सा
लुधियाना (राजकुमार साथी)। सीएम भगवंत मान की ओर से एक नवंबर को पीएयू के डॉ. मनमोहन सिंह ऑडिटोरियम में एसवाईएल मुद्दे पर डिबेट कराई जाएगी। जिसमें सभी पार्टियों के आमंत्रित किया गया है। हालांकि निमंत्रण मिलने के बाद अकाली दल ने इस डिबेट में हिस्सा लेने से साफ इंकार कर दिया है। शिअद के प्रवक्ता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार सही जवाब नहीं दे पाई है। इससे पंजाब का पक्ष कमजोर हुआ है। मान सरकार हरियाणा के समर्थन में रही है। सीएम मान ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भाजपा के पंजाब प्रधान सुनील जाखड़, कांग्रेस के पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को एक नवंबर को एसवाईएल मुद्दे पर हो रही डिबेट में आने की चुनौती दी थी। तीनों नेताओं ने इस चुनौती को स्वीकार कर लिया था, मगर अब अकाली दल ने इस डिबेट का बायकॉट करने का ऐलान कर दिया है।