मुख्यमंत्री मान के रवैये से खफा राज्यपाल बीएल पुरोहित ने दी चेतावनी, कहा : मुख्यमंत्री नहीं दे रहे किसी भी पत्र का जवाब, यह संविधान के खिलाफ
लुधियाना (राजकुमार साथी)। राज्य के गवर्नर की ओर से अपनाए जा रहे सख्त रुख से पंजाब पर राष्ट्रपति शासन की तलवार लटकने लगी है। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार राज्यपाल बीएल पुरोहित का कहना है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान उनके किसी भी पत्र का जवाब नहीं दे रहे। ऐसा करके वे संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। राजभवन की ओर मांगी जाने वाली जानकारियां देना सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है। अगर मुख्यमंत्री का यही रवैया रहा तो उनके पास संविधान की धार 356 के तहत कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। राज्यपाल की ओर से सीएम को लिखे पत्र में कहा गया था कि पंजाब में नशा चरम पर है। स्थाई संसदीय समिति की रिपोर्ट के ताजा सर्वे के अनुसार हर पांचवां व्यक्ति नशे की गिरफ्त में है। दवा की दुकानों पर नशीले पदार्थ उपलब्ध हैं। हाल ही में एनसीआरबी व चंडीगढ़ पुलिस ने ज्याइंट ऑपरेशन करके ड्रगस बेचने वाले 66 शराब के ठेकों को सील किया था। नशे के खिलाफ भारी संख्या में लोग सडक़ पर आने लगे हैं। भारतीय संविधान के आर्टिकल 167 के अनुसार राज्यपाल की ओर से मांगी गई जानकारी मुहैया कराना मुख्यमंत्री का कर्तव्य है। मगर सीएम भगवंत सिंह मान जानबूझकर उनके किसी भी पत्र का जवाब नहीं दे रहे हैं। उधर, पार्टी के प्रवक्ता अहबाब ग्रेवाल का कहना है कि गर्वनर को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार के दिन-प्रतिदिन कामों में दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए। पंजाब में फिलहाल संवैधानिक संकट नहीं है। इस कारण राष्ट्रपति शासन लगने का कोई सवाल ही नहीं बनता। सरकार गर्वनर की ओर से मांगी जाने वाली जानकारी देने से इंकार नहीं कर रही।