नोएडा में बना है कुत्ते का मंदिर, होती है पूजा, चढ़ता है प्रसाद

लुधियाना (राजकुमार साथी) । उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के गांव चिपियाना बुजुर्ग में भैरव बाबा मंदिर के प्रांगण में स्थापित की गई कुत्ते की प्रतिमा लंबे समय से लोगों की आस्था का केंद्र बनी हुई है। बताया जा रहा है कि मंदिर के साथ बने तालाब में नहाने से डॉग बाइट का असर कम हो जाता है। दूर–दराज से आने वाले लोग कुत्ते की प्रतिमा पर प्रसाद चढ़ाते हैं। गांव वालों में प्रचल्लित कहानी के मुताबिक करीब सवा सौ साल पहले लक्खा नामक बंजारे के पास एक कुत्ता था। बंजारे ने एक सेठ से कुछ कर्ज उधार लिया था। समय पर कर्ज नहीं चुका पाने के कारण उसने अपना कुत्ता सेठ के पास गिरवी रख दिया। कुछ दिन बाद सेठ के घर चोरी हुई।

इस दौरान कुत्ता न तो बदमाशों पर भौंका और न ही उसने सेठ को जगाया। सुबह सेठ को जब चोरी होने का पता लगा तो उसे कुत्ते पर गुस्सा आ गया। कुछ देर बाद ही कुत्ता अपने सेठ की धोती पकडक़र उस स्थान पर ले गया, जहां लुटेरों ने चुराया गया सामान दबाया था। चोरी का माल मिलने पर सेठ खुश हो गया। उसने कुत्ते को इनाम के रूप में मुक्त कर लक्खा के पास वापस भेज दिया। ग्रामीण बताते हैं कि जैसे ही कुत्ता लक्खा बंजारे के पास पहुंचा तो उसने सोचा कि कुत्ते ने सेठ को दिए उसके वचन को तोड़ दिया है। उसने गुस्से में अपने कुत्ते को गोली मार दी। जब उसे सच्चाई का पता चला तो उसे बहुत पछतावा हुआ। उसी पश्चाताप के तौर पर उसने भैरव बाबा के मंदिर में कुत्ते की समाधि बनवा दी। कुत्ते की कब्र पर बाद में ग्रामीणों ने मंदिर का निर्माण करा दिया।
कुत्ते की समाधि के पास एक तालाब बना है। मान्यता है कि तालाब में नहाने से कुत्ते के काटने का असर खत्म हो जाता है। हर शनिवार यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है। मंदिर के बाहर भी एक हौदी बनी है। तालाब में नहीं नहाने वाले हौदी में जाकर जरूर नहाते हैं। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि कुत्ते के काटने पर रैबीज का टीका जरूर लगवाएं।