डेढ़ साल से लटका है ढाई साल की मासूम से दुष्कर्म का केस
सरकार ने किया था फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का ऐलान, आज तक बयान भी नहीं हुए दर्ज
सहारनपुर (एसएम दानिश)। अलीगढ़ के कस्बे टप्पल में रहने वाला परिवार 30 मई 2019 के मनहूस दिन को आज तक नहीं भूल पा रहा। उस दिन किसी दरिंदे ने उनकी ढाई साल की मासूम को घर के बाहर से गायब करके उसके साथ दुष्कर्म का घिरौना अपराध किया था। बच्ची की लाश तीन दिन बाद घर के पास एक खंडहर जैसे मकान में मिली थी। लाश पूरी तरह गल–सड़ चुकी थी। शरीर के कई अंग गायब थे। ऐसा लग रहा था कि उसके साथ दरिंदगी करने के बाद किसी दरिंदे ने उसे यहां फेंक दिया और कुत्तों ने उसकी लाश को नोच लिया। घटना के बाद काफी हल्ला मचा। लोगों ने मोमबत्तियां भी जलाईं। सरकार ने इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का ऐलान किया था, मगर डेढ़ साल में अभी तक उनका बयान भी दर्ज नहीं हो पाया है।
बच्ची की मां बताती है कि उनकी ढाई साल की बेटी घर के बाहर खेल रही थी। कुछ देर बाद देखा तो बच्ची वहां नहीं थी। वे उसकी तलाश में यहां–वहां भटकते रहे। तीन दिन बाद घर के पास खंडहर जैसे मकान में उसकी गली–सड़ी लाश मिली। काफी हल्ला मचा, लोग सडक़ों पर उतर आए। मीडिया में भी खूब मामला उछला। लोगों में गुस्से को देखते हुए सरकार ने कुछ संदिग्धों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। छह माह में इंसाफ दिलाने का वादा भी किया गया। पोस्ट मार्टम में रेप की पुष्टि नहीं होने पर इसे सिर्फ हत्या का मामला मान लिया गया। मामले में असलम, मेंहदी हसन, जाहिद और शगुफ्ता को आरोपी बनाया गया था। शगुफ्ता को जमानत मिल चुकी है, जबकि बाकी लोग अभी जेल में ही हैं। बच्ची की मां कहती हैं कि कोर्ट में सिर्फ तारीख मिलती आ रही है। डेढ़ साल बीत गया। पांच महीने तक पुलिस चालान ही पेश नहीं कर सकी थी। पुलिस और वकील सिर्फ आश्वासन देते आ रहे हैं, मगर डेढ़ साल बीतने पर भी गवाहों के बयान नहीं हो सके। मामले में परिवार की ओर से केस लड़ रहे वकील बताते हैं कि बच्ची के निचले अंग ही गायब थे, इसी वजह से रेप की पुष्टि नहीं हो सकी। आज भी यह परिवार दरिंदों को फांसी की सजा सुनाने का इंतजार कर रहा है। ताकि उनकी बच्ची को इंसाफ मिल सके।