ठंड में चाय–कॉफी से बचें गर्भवती महिलाएं, हरी पत्तेदार सब्जियां हैं लाभदायक
बढ़ती सर्दी के बीच गर्भवती महिलाओं को होती है विशेष देखभाल की जरूरत : डॉ. कंवलजीत
लुधियाना। पिछले तीन दिनों में एकाएक बढ़ी सर्दी ने हर किसी को अंदर रहने को विवश कर दिया है। ऐसे मौसम में गर्भवती महिलाओं को विशेष देखभाल की जरूरत रहती है। क्योंकि हल्की सी लापरवाही जच्चा और बच्चा दोनों के लिए घातक हो सकती है। पंचम अस्पताल के गाइनी विभाग की प्रमुख डॉ. कंवलजीत कौर ने सर्दी के दिनों में गर्भवती महिलाओं की देखभाल के टिप्स बताए। डॉ. कंवलजीत ने कहा कि इन दिनों गर्भवती महिलाओं की इम्यूनिटी पावर बढ़ाना जरूरी है। क्योंकि ऐसा नहीं होने पर वे जल्दी फ्लू की चपेट में आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि आम तौर पर ठंड के दौरान चाय–कॉफी का सेवन अधिक होता है, लेकिन गर्भवती महिला के लिए कैफीन युक्त पदार्थ (चाय–कॉफी, कोला) घातक हो सकते हैं। इनकी बजाय पौष्टिक सब्जी का सूप, हर्बल चाय और सब्जी का जूस लेना अच्छा रहता है। इसके साथ ही मौसमी सब्जियां, हरी पत्तेदार सब्जियां और मौसमी फल जरूर लेने चाहिए। इससे उनकी इम्यूनिटी पावर बढ़ेगी।
इन दिनों में स्किन की सही देखभाल भी जरूरी होती है। क्योंकि पेट बढऩे के साथ ही स्किन पर खिंचाव होने से निशान पडऩे का डर रहता है। ऐसे में प्राकृतिक तेल और प्राकृतिक तेलों से बना लोशन लगाने से फायदा होगा। इससे खिंचाव से होने वाले दर्द और स्किन पर पडऩे वाले निशानों से राहत मिलेगी। बालों को सीधा या रंगीन करने से बचना चाहिए। क्योंकि सैलून प्रोडक्ट में ऐसे केमिकल हो सकते हैं, जो जच्चा और बच्चा के लिए घायक हो सकते हैं। हेयर डाई में भी घातक रसायन होते हैं। गर्भावस्था के दौरान मर्करी (सीसा) का इस्तेमाल भ्रूण विकास और प्री–मेच्योर बेबी के लिए घातक होता है। गर्भावस्था के दौरान जरूरी विटामिन लेने जरूरी हैं। इससे शरीर के सभी हिस्सों को फायदा होगा। ठंडी हवाओं से चिलब्लेन हो सकता है। इससे पैरों में सूजन या दर्द की शिकायत हो सकती है। इससे बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने चाहिए। पैरों में सूजन या दर्द हो तो गर्म पानी में रखने से लाभ मिल सकता है।