टेंशन में दिल्ली, किसानों ने निरंकारी मैदान में धरने से मना किया
दिल्ली। केंद्रीय खेती कानूनों के खिलाफ जंतर–मंतर पर धरना देने पहुंचे किसानों ने पुलिस की ओर से दिए गए निरंकारी मैदान में धरने की पेशकस ठुकरा दी है। जिस कारण दिल्ली में टेंशन बढ़ गई है। उनका कहना था कि उन्हें जंतर–मंतर पर ही धरना देना है। फिलहाल वे सिंघू बार्डर पर धरने पर बैठ गए और कहा कि जिसको बात करनी है, यहीं आए। जगह–जगह जाम से लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
फरीदाबाद, गुरुग्राम और नोएडा से दिल्ली आने वाले यात्रियों को कई घंटे तक जाम से जूझना पड़ा। सबसे ज्यादा असर दिल्ली–गुरुग्राम के रजोकरी बॉर्डर और नोएडा–दिल्ली के कालिंदी कुंज बॉर्डर पर दिखाई दिया। वाहनों की जांच के चलते भीषण जाम लग गया। गाजियाबाद में पुलिस ने किसानों को यूपी गेट तक पहुंचने ही नहीं दिया, लेकिन मोदीनगर और हापुड़ में किसानों ने हाईवे को करीब तीन घंटे तक जाम रखा। हरियाणा की तरफ से रहे किसान शुक्रवार सुबह सिंघु बॉर्डर पहुंचते ही उग्र हो गए। उन्होंने बैरिकेड तोडक़र दिल्ली की सीमा में घुसने का प्रयास किया। सुरक्षा बलों ने रोकने की कोशिश की तो उनसे भिड़ गए। आखिर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दाग उन्हें खदेड़ दिया। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे सबसे पहले सिंघु बॉर्डर से सोनीपत की ओर जाने वाले रास्ते पर लगाए बैरिकेड को किसानों ने तोड़ा। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की ओर से उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन व आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया। एक किसान ने सीमेंट के बैरिकेड पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया। सुरक्षा बल के जवानों ने जब उसे रोकने का प्रयास किया तो किसानों ने उनपर लाठी–डंडों से हमला कर दिया। करीब एक घंटे तक किसानों और पुलिस, सुरक्षा बल के जवानों के बीच झड़प चलती रही। इसके बाद सुरक्षा के दूसरे घेरे में लगे सीमेंट के बैरिकेड को किसानों ने पार कर लिया। जवाबी कार्रवाई में कुछ पुलिस कर्मियों ने भी किसानों पर पथराव किया।
किसानों को रोकने में पुलिस को जबरदस्त बैरिकेडिंग की। उन पर ड्रोन ने नजर रखी गई। जरूरत पडऩे पर हिरासत में लिए गए किसानों को रखने के लिए पुलिस ने दिल्ली सरकार से नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के रूप में इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने इन्कार कर दिया। पंजाब के किसानों के पास कई महीनों का राशन है। गैस सिलेंडर है। वाहनों के पेट्रोल–डीजल के ड्रम हैं। यहां तक कि आटा चक्की भी है। दिल्ली में जमे रहने की उन्होंने महीने भर की तैयारी कर रखी है। संसद मार्ग की ओर जाने वाले रास्तों को सुबह से बंद कर दिया गया था। टॉलस्टॉय मार्ग, बाराखंभा रोड पर भी पुलिस ने जगह–जगह बैरिकेङ्क्षडग कर रखी थी। सख्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण कोई भी किसान जंतर–मंतर तक नहीं पहुंच पाया। सबसे ज्यादा मुश्किलें हरियाणा में आईं। पंजाब से एक दिन पहले दिल्ली के लिए रवाना हुए किसानों को रोकना मुश्किल साबित हुआ। हरियाणा पुलिस के बैरिकेड आदि तोड़ते हुए किसान आगे बढ़ते गए। शाम होते–होते राज्य सरकार के निर्देश पर सभी बार्डर खोल दिए गए और किसानों को जाने दिया जाने लगा। इसके बाद हरियाणा में यातायात सामान्य हो गया। किसान पानीपत से चलकर सोनीपत के कुंडली बार्डर और सिरसा से चलकर बहादुरगढ़ में टिकरी बार्डर पहुंचे और दिल्ली में प्रवेश कर गए। बहादुरगढ़ में किसानों और पुलिस के बीच टकराव भी हुआ। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले छोड़े। लेकिन इससे पहले सिरसा से हांसी, रोहतक, बहादुरगढ़ होकर दिल्ली जाने वाले रूट पर किसानों को रोकने की कोशिश नहीं की गई।
हालांकि सिरसा के डबवाली में पंजाब के किसानों को हरियाणा में प्रवेश करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने बैरिकेड तोड़ दिए और हरियाणा में प्रवेश कर गए। सिरसा में वाहन पलट जाने से दबकर पंजाब के एक किसान कान्हा सिंह की मौत भी हो गई। राजस्थान–उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर आगरा के सैंया–मनिया में समाज सेविका मेधा पाटकर के साथ किसान हाईवे पर बैठ गए। इस कारण आगरा–दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को मुरैना से ग्वालियर और ग्वालियर से सरायछौला चंबल पुल के बीच रोक दिया गया। मुरैना–बानमोर–ग्वालियर के बीच कई किलोमीटर लंबी वाहनों की कतार नजर आ रही है तो इधर सरायछौला से मुरैना और दूसरी ओर चंबल पुल की ओर तीन से चार किलोमीटर लंबी वाहनों की कतार लग गई। किसानों के समर्थन में कांग्रेस खुलकर आ गई। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। कहा कि दुनिया की कोई भी सरकार सच्चाई की लड़ाई से लडऩे वाले किसानों को नहीं रोक सकती है। प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए कि जब भी अहंकार सच्चाई पर ले जाता है, वह हार जाता है।
मोदी सरकार को काले कानूनों को वापस लेना होगा। यह सिर्फ शुरुआत है! कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला पानीपत में पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया तो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ट्वीट कर लोगों से अपील की कि किसानों के रुकने–ठहरने, खाने–पीने तथा डाक्टरी इलाज की व्यवस्था करने में सहयोग करें। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट किया कि हमने बातचीत के दरवाजे खोल रखे हैं और केंद्र व राज्य सरकार किसानों से उनके मसलों पर बातचीत को तैयार है।