“जो मुश्किल कुशा से जलता है, वो मुश्किल से कब निकलता है”
हजरत ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैहि के उर्स पर चला कव्वालियों का दौर

सहारनपुर (एसएम दानिश)। हजरत ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैहि के उर्स के मौके पर बेहट में सुफीकाम शान–ए–हिंद के तत्वाधान में नौगजा पीर के सज्जादा नशीन जमुर्रद हुसैन के आवास पर कव्वाली का आयोजन किया गया। जिसमे कव्वालों ने अपने कलाम से देर रात तक समा बांधे रखा। बेहट कस्बे के मोहल्ला कस्साबान मे जमुर्रद हुसैन के आवास पर आयोजित कव्वाली प्रोग्राम की शुरुआत नात–ए–पाक से हुई। कव्वाल जाहिद एन्ड पार्टी ने कलाम पेश करते हुए कहा कि, “जो मुश्किल कुशा से जलता है, वो मुश्किल से कब निकलता है”, कव्वाल तनवीर ने पढ़ा कि “रहमत नबी साया ए रहमत है फात्मा, कुरआन पंजतन की सूरत है फात्मा”।

इस दौरान कव्वालों की ओर से पेश किए कलामों पर श्रोता देर रात तक झूमते रहे। इस मौके पर राशिद हुसैन, मुकर्रम हुसैन, नईम काला, सबरी, रियासत, शौकत हुसैन, कमाल साबिर, इनाम साबिर, अज़ीज साबिर, मुशर्रफ हुसैन, अमजद हुसैन, नदीम, शान सैयद, शब्बू पीरजादा, आसिफ, इंतजार, गुल, महताब पीरजादा, वज्जु पीरजादा, गुड्डू पीरजादा व यासिर हुसैन समेत कई लोग मौजूद रहे।