झारखंड सरकार बोली : राज्य में गुटखे पर बैन है
चीफ जस्टिस ने कर्मचारी भेजकर मंगवा दिया गुटखा, फिर सरकार से पूछा यही है आपका प्रतिबंध?
रांची। फरियादी फाउंडेशन की ओर से गुटखा बैन को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉक्टर रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए खाद एवं सुरक्षा विभाग के विशेष सचिव चंद्र किशोर उरांव ने कहा कि झारखंड में गुटखा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। सुनवाई के दौरान ही चीफ जस्टिस ने कर्मचारी को पैसे देकर गुटखा मंगवाया, विशेष सचिव को दिखाया और फिर पूछा यह कैसा प्रतिबंध है? आपने कहा कि प्रतिबंध है और मैंने मंगाकर दिखा दिया। चीफ जस्टिस बोले कि गुटखा बिक रहा है तो या तो बाहर से आ रहा है या यहां बन रहा है।
अगर बाहर से गुटखा आ रहा है तो उसे रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं? इसकी रोकथाम के लिए कैसे अधिकारी को लगाया गया है? क्यों नहीं रुक रहा है? और कैसे आ रहा है? विशेष सचिव चीफ जस्टिस के सवालों का जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने खंडपीठ के सामने कहा कि सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी। खंडपीठ ने कहा है कि पूर्ण प्रतिबंध लगाकर इस मामले में विस्तृत जवाब पेश करें। राज्य में पान पराग, रजनीगंधा, विमल समेत 11 ब्रांड के पान मसालों की बिक्री पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। पान पराग पान मसाला, शिखर, रजनीगंधा, दिलरूबा, राज निवास, मुसाफिर, मधु, विमल, बहार, सेहत व पान पराग प्रीमियम की जांच में खतरनाक मैग्निशियम कार्बोनेट रसायन पाया गया था।