चार में से दो मांगों पर बनी सहमति, बाकी दो के लिए चार जनवरी को होगी मीटिंग
पराली जलाने पर सजा से छुटकारा और मुफ्त बिजली की सुविधा को जारी रखने पर सहमति का सरकार ने जताया भरोसा
लुधियाना (राजकुमार साथी)। किसानों व केंद्र सरकार के बीच हुई मीटिंग में सरकार ने चार में दो मांगों पर सहमति जताने का भरोसा दिया है। बाकी की दो मांगों को लेकर चार जनवरी को अगली मीटिंग होगी। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार बुधवार को हुई मीटिंग में सरकार ने पराली जलाने पर किसानों को होने वाली सजा (जुर्माने) से छुटकारा और नए बिजली विधेयक में खत्म होने वाली मुफ्त बिजली की सुविधा को जारी रखने पर सहमति का भरोसा दिलाया है। किसानों ने एमएसपी पर लिखित गारंटी के तौर पर इसके लिए अलग से कानून बनाने की मांग भी की है, जिस पर चार जनवरी की मीटिंग में फैसला होना है। हालांकि इस मीटिंग के दौरान भी सरकार नए खेती कानूनों को वापस नहीं लेने पर अड़ी रही। मीटिंग के बाद केंद्रीय खेती मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि किसानों की शंकाओं का समाधान जरूर होगा। आज की मीटिंग में किसानों की दो प्रमुख मांगों पर रजामंदी हो गई है। इनमें पहली पर्यावरण संबंधी अध्यादेश को लेकर है, जिसमें किसान और पराली का जिक्र किया गया है। किसानों की मांग थी कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई वाले प्रावधान बाहर किए जाएं। किसानों की दूसरी चिंता बिजली बिल संशोधन विधेयक को लेकर थी। फिलहाल यह विधेयक संसद में पेश नहीं किया गया है। किसान नेताओं को आशंका है कि यह कानून आया तो उनका बहुत नुकसान होगा। किसानों की मांग है कि सिंचाई के लिए जो सब्सिडी राज्य जैसे देते हैं वैसे ही चलती रहे। सरकार उनकी इस मांग पर रजामंद हो गई है। मीटिंग में सरकार ने कहा कि नए कृषि कानूनों को बनाने की प्रक्रिया ढाई दशक से भी अधिक चली है। इसलिए इन्हें हटाने की प्रक्रिया अपनाने में भी समय लगेगा। इसके लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया जा सकता है, जो कानून की अच्छाइयों और खामियों के बारे में अपनी रिपोर्ट तैयार करें। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसे पूरा करना जरूरी है। एमएसपी पर सरकार लिखित आश्वासन देने को तैयार है। किसानों को एमएसपी से कम का भाव न मिले, इसके लिए भावांतर योजना को प्रभावी तरीके से लागू किए जाने का बंदोबस्त किया जा सकता है। इससे स्पष्ट है कि समस्या का समाधान हो जाएगा।