गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करेंगे किसान
लुधियाना (राजकुमार साथी)। मोदी सरकार की ओर से पारित किए गए नए खेती बिलों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को देखते हुए देश का हर नागरिक यही दुआ कर रहा है कि 4 जनवरी को होने वाली किसानों व सरकार की मीटिंग का पॉजिटिव रिजल्ट ही निकले। क्योंकि किसानों ने चार जनवरी को मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक शनिवार की दोपहर दिल्ली के प्रेस क्लब में हुई कांफ्रेंस के दौरान किसान संगठनों ने 6 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने और 15 जनवरी को भाजपा नेताओं के घेराव का ऐलान किया है। इसके साथ ही 23 जनवरी को सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन पर राज्यपाल भवन तक ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा और गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर किसान परेड का आयोजन होगा। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस में बीएस राजेवाल, प्रो. दर्शन पाल, गुरुनाम सिंह, जगजीत सिंह, शिव कुमार शर्मा कक्का व डॉ. योगेन्द्र यादव शामिल हुए। उन्होंने कहा है कि अगर 4 जनवरी को हमारी बात नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। वहीं, कुंडली बॉर्डर (सिंघु बॉर्डर) पर बैठे किसान आंदोलन का रुख 4 जनवरी की वार्ता तय करेगी। इस बीच किसानों ने आंदोलन को आगे बढ़ाने की रूपरेखा भी तैयार कर ली है। किसानों ने कहा है कि अगर बातचीत सिरे नहीं चढ़ी, तो 6 जनवरी को कुंडली और टीकरी बार्डर से ट्रैक्टर यात्रा शुरू की जाएगी। दरअसल, छठे दौर की बातचीत में सरकार ने जिस तरह से सकारात्मक रुख दिखाया है, इसके बाद किसान भी शांत हैं और 4 जवरी तक सारे नये आंदोलन टाल रखे हैं।
एक और किसान ने की खुदकुशी
गाजीपुर बॉर्डर पर शनिवार को 75 साल के किसान कश्मीर सिंह ने टॉयलेट में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। किसान नेता अशोक धवाले ने बताया कि अब तक 50 किसानों की जान जा चुकी है। कश्मीर सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा, ‘सरकार फेल हो गई है। आखिर हम यहां कब तक बैठे रहेंगे। सरकार सुन नहीं रही है। इसलिए मैं जान देकर जा रहा हूं। अंतिम संस्कार मेरे बच्चों के हाथों दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर होना चाहिए। मेरा परिवार, बेटा-पोता यहीं आंदोलन में निरंतर सेवा कर रहे हैं।’ किसान का शव बिना पोस्टमॉर्टम के परिजन को सौंप दिया गया है। यूपी पुलिस ने सुसाइड नोट अपने कब्जे में ले लिया है।