देश की सुरक्षा व धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं ऐसे मामले
लुधियाना (राजकुमार साथी)। सोमवार को जबरन धर्म परिवर्तन पर चिंता जताते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि ऐसे मामलों से देश की सुरक्षा व धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित होती है। कोर्ट ने केंद्र को इसमें दखल देने को कहा। जबरन धर्म परिवर्तन को गंभीर मसला करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से कहा कि वह मामले में दखल दे और इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए प्रयास करें। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चेताया कि यदि जबरन धर्म परिवर्तन को नहीं रोका गया तो कठिन हालात बन सकते हैं। जस्टिस एमआर शाह और हिमा कोहली की बेंच ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस तरह के प्रलोभनों के जरिए की जा रही प्रैक्टिस के खात्मे के लिए कदम उठाए जाएं। कोर्ट ने कहा, ‘यह काफी गंभीर मसला है। उल्लेखनीय है कि आज शीर्ष अदालत में पूजा स्थल अधिनियम 1991 के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र को जवाब के लिए समय दिया है। अब मामले की सुनवाई जनवरी में की जाएगी।