कैप्टन के लंच पर गुरू, सियासत की नई पारी का संकेत

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कैप्टन के लंच पर गुरू, सियासत की नई पारी का संकेत

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से फायर ब्रांड नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को लंच पर बुलाने से सियासत की नई पारी शुरू होने का संकेत मिल रहा है। माना यह भी जा रहा है कि सिद्धू की कैप्टन अमरिंदर कैबिनेट में वापसी हो सकती है। 2019 के लोक सभा चुनाव के बाद पहली बार दोनों नेता एक साथ बैठेंगे। मुख्यमंत्री सिद्धू के साथ अपने रिश्ते को सुधार सकते है। इसके संकेत मुख्यमंत्री ने 19 अक्टूबर 2020 को हुए पंजाब विधान सभा के सत्र से ही देने शुरू कर दिए थे। कृषि बिलों को लेकर बुलाए गए इस सत्र में सिद्धू पहले ऐसे कांग्रेस नेता थे, जिन्हें मुख्यमंत्री के बाद पंजाब विधानसभा में बोलने का मौका दिया गया था।

अहम बात तो यह थी कि सिद्धू को खुद कैप्टन ने फोन करके बता दिया था कि उन्हें कृषि बिल पर उनके बाद बोलना है। हालांकि 4 नवंबर को दिल्ली में दिए गए कांग्रेस के धरने के दौरान दोनों नेताओं के बीच मतभिन्नता सामने आई थी। जब सिद्धू ने धरने के दौरान आरपार की लड़ाई वाली बात उठा दी थी। इसके बाद कैप्टन ने कहा था कि वह किसी से लडऩे नहीं आए है। वह अपनी बात रखने आए है। इस पर सिद्धू खफा हो गए थे। अब लंच के बहाने कैप्टन सिद्धू को दोबारा कैबिनेट में आने का न्योता दे सकते है। क्योंकि सिद्धू के मंत्री पद को छोडऩे के बाद से ही कैबिनेट में एक कुर्सी खाली पड़ी हुई है। कांग्रेस के महासचिव पंजाब के प्रभारी हरीश रावत ने कैप्टन और सिद्धू के बीच के रिश्ते को सुधारने के लिए नींव रखी थी।

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