किस्सा कुर्सी का : सुबह कांग्रेसी, दोपहर को बने अकाली, शाम को फिर लौटे कांग्रेस में
कपड़ों की तरह पार्टी बदलने में लगे हुए हैं नेता, लोग सिखाएंगे सबक
जंडियाला गुरू (सुरेंद्र कुमार)। सत्ता में बने रहने और कुर्सी हासिल करने के लिए राजनेता कपड़ों की तरह पार्टी बदलने से भी गुरेज नहीं करते। ऐसा ही वाक्या वार्ड नंबर 9 में देखने को मिला। जहां नगर कौंसिल चुनाव में टिकट करने पर कांग्रेसी नेत्री वीर कौर ने दोपहर को पूर्व विधायक मलकीत सिंह एआर की मौजूदगी में अकाली दल का दामन थाम लिया। लेकिन जब पुरानी पार्टी का दवाब पड़ा तो मुंह लटकाए शाम को फिर वापस कांग्रेस में ही होने का ऐलान करना पड़ा। दरअसल, वीर कौर ने खुद को वार्ड नंबर 9 से कांग्रेसी प्रत्याशी होने का दावा करते हुए पोस्टर तक लगवा दिए थे। लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी ने उनका टिकट काटकर हरजिंदर सिंह जिंदा की पत्नी अमरजीत कौर को थमा दिया।
इससे खफा होकर वीर कौर ने परिवार समेत तुरंत पाला बदलते हुए शिरोमणि अकाली दल बादल को ज्वाइन कर लिया। पूर्व विधायक व हल्का इंचार्ज मलकीत सिंह एआर ने खुद आकर उनका पार्टी में स्वागत किया। लेकिन चंद घंटों बाद ही परिवार समेत वापस लौटते हुए कांग्रेस में ही होने का ऐलान कर दिया। अब फैसला जनता को करना है कि वह कपड़ों की तरह पार्टी बदलने वाले ऐसे नेताओं को कैसे सबक सिखाएगी।