एचआईवी के मरीज हैं कोरोना के सॉफ्ट टारगेट : डॉ. कर्मवीर
विश्व एड्स दिवस के मौके लोगों को एचआईवी व कोरोना के प्रति किया जागरूक
लुधियाना (दीपक कुमार)। एचआईवी की वजह से व्यक्ति की इम्यूनिटी पॉवर कम हो जाती है। जिस कारण वे कोरोना की चपेट में जल्दी आ सकते हैं। विश्व एड्स दिवस के मौके पर लोगों को जागरूक करते हुए लुधियाना मेडिवेज अस्पताल में मेडिसन विभाग के डायरेक्टर व पंजाब मेडिकल कौंसिल के मेंबर डॉ. कर्मवीर गोयल ने कहा कि एचआईवी के मरीज कोरोना वायरस का सॉफ्ट टारगेट हो सकते हैं। इस कारण एचआईवी के मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। ओपीडी ब्लॉक में आयोजित जागरूकता लेक्चर के दौरान डॉ. गोयल ने कहा कि एक जमाना था, जब किसी व्यक्ति को ह्यूमन इम्यूनोडेफिसेंसी वायरस (एचआईवी) होने का पता चलते ही उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाता था। उस समय इसे एक बीमारी न मानकर एक बड़ा गुनाह मान लिया जाता था। यही कारण था कि लोग अपनी इस बीमारी को छुपाने में ही भलाई समझते थे। ताकि उसका सामाजिक सम्मान बना रहे। हालांकि मरीज का यह प्रयास उसे समय से पहले ही मौत के आगोश में ले जाता था। लेकिन लगातार फैल रही जागरुकता के चलते हालात भी बदलते जा रहे हैं। अब लोग इस बीमारी के बारे में खुलकर चर्चा करते नजर आते हैं और वे एचआईवी टेस्ट कराने लगे हैं। उन्होंने कहा कि एचआईवी मरीज की इम्यूनिटी पॉवर कम कर देता है। जिस कारण इंसान जल्द बीमार हो जाता है।
मौजूदा समय में थोड़ी सी लापरवाही होते ही एचआईवी के मरीजों पर कोरोना वायरस का हमला होने की संभावना कई गुणा ज्यादा रहती है। अस्पताल के चेयरमैन भगवान सिंह भाऊ ने कहा कि एचआईवी की दवा तो कई साल पहले ही आ चुकी थी, लेकिन वायरस का पता चलने के एक साल बाद भी कोरोना के लिए फिलहाल वैक्सीन तक नहीं बन पाई। लिहाजा एचआईवी पॉजिटिव लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज करना चाहिए। बिना मास्क किसी भी स्थिति में घर से बाहर नहीं निकलें। हल्की की सर्दी–जुकाम या बुखार होने पर दूसरे लोगों से दूरी बनाते हुए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।