एक बार फिर आ सकता है कोरोना, चौकस रहें : डॉ. गोयल
लॉकडाऊन खुलने का मतलब कोरोना खत्म होना नहीं है
लुधियाना। पंजाब मेडिकल काऊंसिल के मेंबर व लुधियाना मेडिवेज अस्पताल के मेडिसन विभाग के डायरेक्टर डॉ. कर्मवीर गोयल ने कहा कि लॉकडाऊन खुलने का मतलब यह नहीं है कि कोरोना पूरी तरह खत्म हो गया है। जिन देशों में लोगों ने लापरवाही बरतते हुए मास्क और सोशल डिस्टेसिंग को भुला दिया, वहां फिर से लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। अकेले युरोप में ही एक दिन में दो लाख लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने की खबर है।
डॉ. गोयल ने कहा कि कई लोग अफवाहें उड़ा रहे हैं कि कोरोना–वोरोना कुछ नहीं था, सरकारों ने केवल ऊपर से आने वाले पैसे के कारण इस बीमारी का प्रचार किया था, ऐसी अफवाहें फैलाने वाले लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि देश भर में कोरोना के मरीजों का इलाज करते हुए करीब 6 सौ डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं। उन डॉक्टरों का कसूर केवल इतना था कि उन्होंने कोविड-19 के मरीजों की जान बचाने के लिए दिन–रात अस्पतालों में काम किया। उन्होंने कहा कि अगर भारत की बात छोड़ दी जाए तो पूरी दुनिया में लाखों लोग कोरोना की वजह से मौत के मुंह में समा चुके हैं। इस कारण कोरोना को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान ना दें।
डॉ. गोयल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन बार–बार चेतावनी दे रहा है कि कोरोना का विदेशों की तरह ही भारत में ही कोरोना का दूसरा दौर फिर से आ सकता है। इस कारण त्योहार मनाते समय इस बात का ध्यान भी रखना होगा। जब भी घर से बाहर निकलो, मास्क पहनकर सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान जरूर रखें। जैसे ही घर वापस लौटें तो पहले साबून या सेनिटाइजर से हाथों को साफ करें। उन्होंने कहा कि सेहत विभाग और सरकार ने मास्क पहनना जरूरी करार दिया है। इस कारण इसे बोझ समझने की बजाय जीवन के जरूरी अंग की तरह मानना चाहिए। क्योंकि 80 फीसदी लोग केवल मास्क पहनने की वजह से ही कोरोना से बच सकते हैं। अस्पताल के चेयरमैन भगवान सिंह भाऊ ने कहा कि शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियों के मरीज, किडनी रोग से ग्रस्त, कैंसर व एचआईवी के मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि बीमार शरीर पर कोरोना का अटैक घातक और जानलेवा हो सकता है। अब तक जितने भी लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई है, उनमें से 90 फीसदी लोग पहले से किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त रहे हैं। इसके साथ ही दस साल से कम उम्र के बच्चे और 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग कोविड-19 वायरस के सॉफ्ट टारगेट हैं। इस कारण बुजुर्गों व बच्चों का भी विशेष ध्यान ध्यान रखना चाहिए।