आज होने वाली मीटिंग पर लगी देश की निगाहें, हल न निकला तो 8 दिसंबर को भारत बंद, संसद घेरेंगे किसान
लुधियाना (राजकुमार साथी)। केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए नए खेती बिलों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन हर रोज कड़ा रुख अख्तियार करता जा रहा है। वीरवार को चौथे दौर की मीटिंग के दौरान कोई हल नहीं निकलने पर आज शनिवार को पांचवें दौर की बैठक होनी है। अगर यह बैठक भी बेनतीजा रहती है तो किसान 8 दिसंबर को भारत बंद करने के साथ ही संसद भवन का घेराव करेंगे। दिल्ली से आ रही मीडियो रिपोट्र्स के मुताबिक पिछले 9 दिन से किसान दिल्ली के बॉर्डर सील करके बैठे हैं। केंद्र सरकार ने किसानों को पांचवें दौर की बातचीत का न्यौता दिया है। वीरवार को हुई चौथे दौर की मीटिंग के दौरान सरकार ने थोड़ा नर्म रुख अपनाते हुए किसान आंदोलन जल्द खत्म करने के संकेत दिए थे, लेकिन फाइनली कुछ नतीजा नहीं निकलने पर किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान कर दिया। नोएडा सेक्टर-14 ए स्थित चिल्ली बॉर्डर पर धरना–प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि अगर शनिवार दोपहर को होने वाले सरकार व किसानों की मीटिंग का नतीजा नहीं निकला तो फिर वे संसद का घेराव करेंगे। एनएच -24 पर गाजीपुर बॉर्डर (यूपी–दिल्ली बॉर्डर) गाजियाबाद से दिल्ली के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने किसानों के विरोध के कारण यह मार्ग बंद किया है। भाकियू के हरियाणा अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार शनिवार को उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो वे आंदोलन तेज करेंगे। राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने आठ दिसंबर को भारत बंद की घोषणा का समर्थन किया है।
किसान संयुक्त मोर्चा के मेंबर व किसान नेता हरिंदर सिंह लक्खोवाल ने कहा कि वीरवार को हुई बैठक में केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों में बिजली व पराली को लेकर किए गए प्रावधानों को वापस लेने व न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने पर करीब–करीब सहमति दी है। लेकिन, हमने कहा कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को वापस ले। इससे कम पर किसान नहीं मानेंगे। किसान नेता युद्धवीर सिंह, मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह व बूटा सिंह फूल की मौजूदगी में लखोवाल ने कहा कि पांच दिसंबर को किसान देशभर में मोदी सरकार व कॉरपोरेट घरानों का पुलता फूंकेंगे। सात दिसंबर को जिन लोगों को केंद्र सरकार से पुरस्कार मिले हैं, वे उसे वापस कर आंदोलन का समर्थन करेंगे। इसके साथ ही आठ दिसंबर को पूरा भारत बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद देश भर में टोल प्लाजा को भी एक दिन के लिए फ्री कराया जाएगा। हालांकि इसके लिए उन्होंने निर्धारित दिन नहीं बताया। बंगाल से आए पूर्व सांसद व ऑल इंडिया किसान सभा के नेता हनन्न मौलाह ने कहा कि शनिवार को केंद्र के साथ होने वाली बैठक में कृषि कानूनों में संशोधन पर बात नहीं बनेगी, क्योंकि पूरा कानून सिर से लेकर पैर तक सड़ा हुआ है। केंद्र सरकार को इसे वापस लेना ही होगा।