पंजाब की चारों बड़ी पार्टियों के पास लोकसभा चुनावों के लिए नहीं हैं अपने उम्मीदवार, दल बदलने वाले नेताओं के सहारे संसद की सीढिय़ां चढ़ेंगी भाजपा, कांग्रेस, आप और शिअद
लुधियाना (राजकुमार साथी)। इन दिनों जहां सूर्य की गर्मी ने लोगों को झुलसा रखा है, वहीं लोकसभा चुनावों की गर्मी मतदाताओं में एक अलग किस्म की ऊर्जा भर रही है। कहने को तो यह मात्र एक सामान्य चुनाव हैं, लेकिन दरअसल यह वफादारी चेक करने का टेस्ट भी है। क्योंकि पार्टी में वफादारी की सौगंध खाने वाले, पार्टी के दम पर सत्ता का सुख भोगने वाले, मरते दम तक सत्ता में रहने क चाह लिए फटाफट पार्टी बदलकर चुनावी मैदान में उतरने में लगे हुए हैं।
विडंबना है कि वर्तमान के लोकसभा चुनावों में देश की सत्ता पर 10 साल से राज करती आ रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), देश की सत्ता पर सबसे लंबे समय तक राज कर चुकी कांग्रेस, हाल ही में देश की तीसरी राष्ट्रीय पार्टी का खिताब हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) और स्वयं को पंजाब की पंथक पार्टी कहलाने वाली व 2007 से 2017 तक लगातार राज्य की सत्ता पर काबिज रहे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पास यहां की 13 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार हीं नहीं हैं। यह चारों पार्टियां विपक्षी दलों के नेताओं को अपनी ओर खींचकर उन्हें लोकसभा का उम्मीदवार बना रही हैं।
या यूं कहें कि चुनाव के दिनों में दल बदलने वाले नेताओं के सहारे ही यह सभी पार्टियां पंजाब के रास्ते संसद भवन की सीढिय़ां चढऩे का सपना देख रही हैं।
पिछले महीने 16 मार्च को भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया था। जिसके तहत पंजाब की 13 सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है। इसके लिए 7 मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मगर आश्चर्य की बात है कि पंजाब में अपना भागय आजमा रही तीन पार्टियां (भाजपा, शिअद व कांग्रेस) अभी तक अपने उम्मीदवार ही फाइनल नहीं कर सकी हैं।
भाजपा इस बार 400 पार के नारे के साथ चुनावी मैदान में है और आम आदमी पार्टी पंजाब बनेगा हीरो इस बार 13-0 का नारा देते हुए चुनावी रणभूमि में है। अकाली दल अपनी पिछली 10 साल की सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उसके नाम पर वोट मांग रहा है। एक मात्र कांग्रेस ऐसी पार्टी है, जिसका कोई सिंगल एजेंडा नहीं है। वह कभी राजनीतिक धक्केशाही की बात करती है तो कभी संविधान को बचाने के लिए भाजपा को हराने का नारा बुलंद कर रही है।
अब तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पंजाब में कुल 2 करोड़ 12 लाख 71 हजार 246 मतदाता हैं। इनमें से 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार 959 पुरुष और 1 करोड़ 77 हजार 543 महिला मतदाता हैं। यह मतदाता पंजाब से 13 लोगों को जिताकर संसद में भेजेंगे। लेकिन अभी तक सिर्फ आम आदमी पार्टी ही सभी 13 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर सकी है।
इस पार्टी ने लुधियाना से विधायक अशोक पराशर पप्पी, अमृतसर से कैबिनट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, पटियाला से कैबिनट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस के पूर्व विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी, संगरूर से कैबिनट मंत्री मीत हेयर, फरीदकोट से पंजाबी फिल्मों के अभिनेता कर्मजीत अनमोल, बठिंडा से कैबिनट मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, जालंधर से अकाली दल के पूर्व विधायक पवन टीनू, श्री आनंदपुर साहिब से पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग, होशियारपुर से कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार चब्बेवाल, खडूर साहिब से कैबिनट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर, गुरदासपुर से शैरी कलसी तथा फिरोजपुर से काका बराड़ को मैदान में उतारा है।
पिछले दस साल से देश की सत्ता पर काबिज भाजपा अभी तक यहां की 9 सीटों पर ही उम्मीदवार फाइनल कर सकी है। इनमें अमृतसर से पूर्व आईएफएस अधिकारी तरनजीत सिंह संधू, जालंधर से आम आदमी पार्टी के पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू, लुधियाना से कांग्रेस की टिकट पर 15 साल से सांसद बनते आ रहे रवनीत सिंह बिट्टू, पटियाला से कांग्रेस की पूर्व सांसद परनीत कौर, फरीदकोट से राज गायक हंसराज हंस, होशियारपुर से केंद्रीय कैबिनट मंत्री की पत्नी अनीता सोमप्रकाश, खडूर साहिब से मनजीत सिंह मियांविंड तथा गुरदासपुर से पूर्व विधायक दिनेश बब्बू के नाम शामिल हैं।
स्वयं को पंजाब की पंथक पार्टी कहलाने वाले शिरोमणि अकाली दल ने अमृतसर से भाजपा कोटे से कैबिनट मंत्री रहे अनिल जोशी, लुधियाना से पूर्व विधायक रणजीत सिंह ढिल्लों, जालंधर से कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे मोहिंदर सिंह केपी, पटियाला से एनके शर्मा, फतेहगढ़ साहिब से बिक्रमजीत सिंह खालसा, फरीदकोट से राजविंदर सिंह, बठिंडा से पार्टी प्रधान की पत्नी हरसिमरत कौर बादल, संगरूर से इकबाल सिंह झूंदा, गुरदासपुर से डॉ. दलजीत सिंह चीमा, श्री आनंदपुर साहिब से पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा, होशियारपुर से पूर्व कैबिनट मंत्री सोहन सिंह ठंडल तथा फिरोजपुर से नरदेव सिंह मान तो मैदान में उतारा है।
देश व पंजाब की सत्ता पर सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली कांग्रेस ने अमृतसर से मौजूदा सांसद गुरजीत सिंह औझला, जालंधर से पूर्व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, संगरूर से विधायक सुखपाल सिंह खैहरा, फरीदकोट से अमरजीत कौर साहोके, पटियाला से आम आदमी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मवीर गांधी, बठिंडा से जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू तथा होशियारपुर से यामनी घोमर को प्रत्याशी बनाया है।