तीर चलाने वाले हाथ उठा रहे ईंट, सीमेंट और रेत
राष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी का कमाल दिखा चुकी है मनीषा गागट
सहारनपुर (एसएम दानिश)। सरकार की अनदेखी के कारण राष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी का कमाल दिखा चुकी मेरठ के रोहटा रोड पर रहने वाली मनीषा गागट इन दिनों राजमिस्त्री के साथ मजदूरी करने को विवश है।
मनीषा ने साल 2015 में तीरंदाजी शुरू की थी। 2017 में जब उसने अमृतसर हुए आर्चरी कंपीटीशन में अपना कमाल दिखाया तो गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी ने उसकी हेल्त के लिए हाथ आगे बढ़ाया। यूनिवर्सिटी ने उसे बीए में दाखिला दिलाने के साथ–साथ मॉडर्न कमान व तीर भी लेकर दिए। इससे उसकी तीरंदाजी में और सुधार हुआ। मनीषा अब तक चार नेशनल कंपीटीशन, दो स्कूल नेशनल, दो ओपन नेशनल और खेलो इंडिया की दो प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी हैं। स्टेट व नेशनल स्तर पर पदक जीतने के साथ ही मनीषा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी ब्राऊंस मेडल भी जीत चुकी है। अब उसकी बीए की पढ़ाई पूरी होने वाली है। ऐसे में उसे तीर–कमान यूनिवर्सिटी में जमा कराना पड़ेगा और नया खरीदने की उसकी हैसियत नहीं है। मनीषा रोज सुबह आठ किलोमीटर दूर स्थित कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम में डेढ़ घंटा तीरंदाजी का अभ्यास करतीं है।
उसके बाद वह मजदूरी करने के लिए जाती है। इलाके के लोगों ने सरकार से अपील की है कि वह मनीषा की मदद करे, ताकि वह तीरदंाजी में प्रदेश और देश का नाम रोशन कर सके।