संयुक्त राष्ट्र स्तर पर मने पर्यावरण दिवस में कोविड-19 के दौरान बने बायो–मेडिकल वेस्ट पर हुई चर्चा
लुधियाना (राजकुमार साथी)। कोरोना महामारी के दौरान तैयार हुए घातक बायो–मेडिकल वेस्ट को लेकर विश्व स्तर पर चिंता जताई जा रही है। दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्र स्तर पर यूनाइटेड नेशन्स इनवायरमेंटल प्रोग्राम (यूएनईपी) की ओर से मनाए गए विश्व पर्यावरण दिवस के दौरान पैनल में शामिल संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूनीडो) के स्टेट टेक्निकल एडवाइजर व फोर्टिस अस्पताल लुधियाना के वरिष्ठ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. राजू सिंह छीना ने बायो–मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट पर चर्चा की।
डॉ. छीना ने बताया कि इस प्रोग्राम के दौरान उन्होंने कोविड-19 बायो–मेडिकल वेस्ट को लेकर पंजाब की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। क्योंकि पंजाब में एक दिन में 4-5 टन कोविड-19 बायो मेडिकल वेस्ट निकलता है। इसके निपटारे के लिए सही मैनेजमेंट की जरूरत है। भारत में बायो–मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर यूनीडो काफी समय से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर अस्पतालों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए ई–लर्निंग पोर्टल लांच किया गया है। जिसमें अस्पताल प्रबंधन को बायो–मेडिकल वेस्ट निपटारे के नए तरीके सिखाए जाएंगे। डॉ. छीना ने महामारी के दौरान मास्क व गलब्बस के निपटारे को लेकर यूनीओ के प्रोजेक्ट अफसर अर्जुन सरीन व चैतन्य शर्मा की ओर से किए जा रहे प्रयासों को भी साझा किया। पैनल में डब्ल्यूएचओ के डॉ. रोडरिको एच. ओफ्रिन, यूएनपीई के प्रमुख अतुल बगई, यूनीडो के रिजनल हेड डॉ. रेने, एमओईएफसीसी के संयुक्त सचिव नरेश पाल गंगवार, सीपीसीबी के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. प्रशांत गर्गवा और पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के टेक्निकल एडवाइजर शामिल रहे। डॉ. प्रशांत ने बायो–मेडिकल वेस्ट को लेकर यूनीडो की ओर से किए जा रहे कामों की सराहना की। डॉ. रेने ने पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा व कर्नाटक में चल रहे यूनीडो के प्रोजेक्टों पर चर्चा की। पैनल डिसकशन के दौरान सभी प्रतिभागियों ने बायो–मेडिकल वेस्ट को निपटाने के लिए सही मैनेजमेंट प्रणाली अपनाने पर जोर दिया। फोर्टिस अस्पताल के जोनल डायरेक्टर डॉ. विश्वदीप गोयल ने डॉ. छीना को इस पैनल का सदस्य बनने पर बधाई देते हुए उनकी ओर से पर्यावरण के हित में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।