किसान पत्नियों ने अमृतसर–जालंधर मेन रेल ट्रैक को बनाया रसोईघर
अब 21 तक रेल ट्रैक पर डटे रहेंगे किसान, ट्रैक पर ही तैयार हो रहा आंदलनकारियों का लंगर
जंडियाला गुरू (सुरेंद्र कुमार)। नए खेती कानूनों के खिलाफ 24 दिन से रेल ट्रैक जाम कर आंदोलन कर रहे किसानों के परिवारों की महिलाओं ने रेल ट्रैक को रसोईघर बना लिया है। वे यहीं पर केसरिया चुनरी ओढक़र आंदोलनकारियों का लंगर तैयार कर रही है। उधर, किसानों ने रेल ट्रैक रोको आंदोलन 21 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है।
किसान संघर्ष कमेटी के प्रदेश सचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री और भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि नए खेती बिलों से किसानों की आमदनी दोगुनी होगी, जबकि सच यह है कि इन कानूनों से किसानों का विकास नहीं विनाश होगा। सविंदर सिंह चुताला, गुरबचन सिंह चब्बा व लखविंदर सिंह वरियाम ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पारित तीनों नए कानूनों में यह स्पष्ट लिखा है कि एपीएमसी एक्ट केंद्रीय कानून के अधीन होगा। धान का सरकारी एमएसपी 1888 होने के बावजूद अन्य राज्यों में 12-13 सौ रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जा रहा है।
इस मौके पर रणबीर सिंह दुगरी, बख्शीश सिंह सुल्तानी, सुखदेव सिंह, सुखविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह खानपुर, कुलजीत सिंह, अमरीक सिंह, निर्मल सिंह, गुरप्रीत सिंह गोपी, सूबेदार रछपाल सिंह भरथ, गुरप्रताप सिंह खजाला, अशोक वर्धन, दलबीर सिंह काहलों, हरिंदर सिंह, कुलदीप सिंह बेगोवाल, जगमोहन सिंह नडाला, अमरदीप सिंह गोपी, मंगजीत सिंह सिधवां, बलकार सिंह देवीदासपुरा मनजीत सिंह वडाला जौहल भी मौजूद रहे।